मुंबई सेंट्रल (Mumbai Central) में सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) पर एक ट्रांसवूमन ने गंभीर आरोप लगाया है। ट्रांसजेंडर बनी एक 50 वर्षीय महिला ने पुलिस पर आरोप लगाया कि जब वह अपने साथ हुई छेड़छाड़ की रिपोर्ट लिखाने के लिए पुलिस के पास गई तो एफआईआर दर्ज करने से पहले उससे अपना लिंग (जेंडर) साबित करने के लिए कहा गया। इस केस में छेड़छाड़ करने वाले आरोपी की पहचान प्रकाश देवेंद्र भट के रूप में की गई। ट्रांसवूमन ने पुलिस पर आरोपी को पकड़ने में मदद नहीं करने का भी आरोप लगाया।
सोशल मीडिया पर उठाया मुद्दाः एचटी के मुताबिक उक्त ट्रांसवूमन ने अपनी साथ हुई यह घटना सोशल मीडिया के माध्यम से उजागर की। पीड़िता के अनुसार उसे आरोपी ने गलत तरीके से छुआ था। यह घटना दादर स्टेशन (Dadar Railway Station) पर हुई थी। वह नवी मुंबई से ट्रेन में आ रही थी, जब गोरेगांव वाली ट्रेन पकड़ने के लिए वह दादर स्टेशन पर उतरी तो यह घटना हुई। उसने तुरंत जीआरपी से शिकायत दर्ज करने के लिए कहा।
महिला अधिकारी से परीक्षण के लिए कहाः पीड़िता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उसे एफआईआर दर्ज करने से पहले जेंडर सर्टिफिकेट पेश करने के लिए कहा गया। आरोप के मुताबिक पुलिस ने महिला अधिकारियों से उसका परीक्षण करने के लिए भी कहा। पीड़िता ने पुलिस से कहा कि उसके साथ छेड़छाड़ कर उसे घायल कर दिया गया है।
आरोपी को कोर्ट में पेश किया गयाः बाद में पीड़िता ने पुलिस को जेंडर सर्टिफिकेट सौंपा और सबूत सौंपने के दो घंटे बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। इस मामले में आरोपी को शुक्रवार की रात को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ महिला की गरिमा भंग करने और आपराधिक हरकत के लिए धारा 354 के तहत केस दर्ज किया और उसे कोर्ट के समक्ष पेश किया गया।

