Punjab Crime News: पंजाब के मुक्तसर जिले के एक पुलिस अधीक्षक (SP) और दो अन्य पुलिसकर्मियों को एक वकील और एक अन्य व्यक्ति को हिरासत में कथित रूप से प्रताड़ित करने के मामले में आज गिरफ्तार किया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आरोप की जांच के लिए लुधियाना के पुलिस आयुक्त मनदीप सिंह सिद्धू की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है।
SIT की निगरानी करेंगे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (खुफिया) जसकरन सिंह
एसआईटी की निगरानी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (खुफिया) जसकरन सिंह करेंगे और इसमें तीन अन्य पुलिसकर्मी सदस्य होंगे। यह कार्रवाई चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के बार एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल की बैठक के बाद हुई। सोमवार को एक एसपी-रैंक अधिकारी सहित छह पुलिसकर्मियों पर एक वकील को अपनी हिरासत में कथित रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया था। इसमें उसे सह-अभियुक्त के साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करने का आरोप भी शामिल था।
6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज, तीन आरोपी गिरफ्तार- SIT जांच शुरू
रिपोर्ट के मुताबिक इन आरोपों के बाद मुक्तसर के एसपी (जांच) रमनदीप सिंह भुल्लर, इंस्पेक्टर रमन कुमार कंबोज, कांस्टेबल हरबंस सिंह, भूपिंदर सिंह और गुरप्रीत सिंह और होम गार्ड दारा सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। एसपी भुल्लर, इंस्पेक्टर रमन कुमार कंबोज और कांस्टेबल हरबंस सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसआईटी वकील द्वारा हिरासत में प्रताड़ना के आरोपों की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट पंजाब के निदेशक ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन को सौंपेगी।
पुलिस टीम हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था वकील और दूसरा व्यक्ति
वकील को अपराध जांच एजेंसी के प्रभारी रमन कुमार कंबोज की शिकायत के आधार पर 14 सितंबर को एक अन्य व्यक्ति के साथ गिरफ्तार किया गया था। कंबोज ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि वकीलों ने पुलिस टीम पर हमला किया और कुछ अधिकारियों की वर्दी फाड़ दी थी। हिरासत में वकील और दूसरे आरोपी की प्रताड़ना के आरोप मंगलवार को सामने आए थे। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन से जुड़े वकील तब से ही आरोपी पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग करते हुए अपने सहयोगियों के साथ एकजुट होकर काम का बहिष्कार कर रहे हैं।
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मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दिया था पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश
मुक्तसर जिला के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 22 सितंबर को एक आदेश में पुलिस को वकील के बयान के आधार पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा, “पीड़ित के बयान को आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 2 (D) के अनुसार शिकायत के रूप में माना जाता है, जिसमें प्रथम दृष्टया अप्राकृतिक यौन संबंध के लिए उकसाने और गलत तरीके से कारावास में चोट पहुंचाने, उसके जीवन और स्वतंत्रता के लिए खतरा पैदा करने जैसे संज्ञेय अपराध दिखाए गए हैं।”
पुलिसकर्मियों पर अप्राकृतिक यौन संबंध, गलत तरीके से कारावास और आपराधिक धमकी के लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे। इसके बाद मामला को लेकर वकीलों के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात के बाद छह में से तीन आरोपी पुलिस वालों की गिरफ्तारी भी की गई है।