क्या एयरपोर्ट पर चेक-इन करने के बाद आपका कोई कीमती सामान चोरी हुआ है? हम में से कई ऐसे लोग होंगे जिनके साथ इस तरह का हादसा हुआ होगा। समझ नहीं आता कि इतनी सिक्योरिटी होने के बावजूद एयरपोर्ट पर चोरी कैसे हो जाती है? जब हमें हमारा बैग मिलता है तो वह बंद रहता है, लॉक लगा होता है मगर उसके अंदर रखा सामान गायब होता है। दरअसल, ऐसा ही कुछ दिल्ली के रहने वाले अनिल कपूर के साथ हुआ। जब उन्होंने कनाडा के हैलिफ़ैक्स में अपने बेटे को iPhone14 Pro Max देने के लिए अपना सूटकेस खोला तो देखा कि फोन गायब था। उन्हें बड़ा झटका लगा क्योंकि उनके बैग से लगभग 1.75 लाख का नया फोन और 13 हाई-एंड घड़ियां गायब थीं।
उन्हें अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था। उन्हें समझ नहीं आया कि फ्लाइट में उनका सामान कैसे चोरी हो गया। वह भी तब जब उनका बैग लॉक था। इसके बाद कपूर ने मामले में आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। कपूर ने 29 जून को दिल्ली से लुफ्थांसा की उड़ान ली थी।
दरअसल, कपूर ने दिल्ली हवाई अड्डे पर व्हीलचेयर की मदद ली थी। उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि उनकी मदद करने वाले ग्राउंड स्टाफ ने उन्हें मोबाइल और घड़ियों को उनके चेक-इन बैग में रखते हुए देखा था। इस मामले पुलिस ने कहा कि ड्यूटी पर मौजूद सामान लोडर्स से पूछताछ की गई। उनमें से एक ने चोरी की बात कबूल कर ली। इसके बाद आरोपियों के पास से चोरी का सामान बरामद कर लिया गया। कपूर लकी थे जो उन्हें चोरी किया हुआ सामान मिल गया क्योंकि कई लोग ऐसे हैं जिनका चोरी हुआ सामान आज तक नहीं मिला।
इस तरह के हादसे के शिकार हुए सिर्फ कपूर ही नहीं है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, इस साल 19 सितंबर तक दिल्ली एयरपोर्ट पर 30 यात्रियों ने कथित तौर पर अपने चेक-इन बैगेज में रखे फोन, घड़ियां, नकदी, सोने और चांदी के गहने (चेन, चूड़ियां, पेंडेंट) खो दिए।
यह पूरा खेल कैसे होता है
पुलिस ने अब तक एयरपोर्ट से 25 सामान लोडर्स को गिरफ्तार किया है। ये कथित तौर पर बैग्स को प्लेन तक ले जाते समय उसमें रखा कीमती सामान जेब में रख लेते थे। जनवरी में यात्रियों के बैग से 10 लाख रुपये के सोने और चांदी के आभूषण, छह ब्रांडेड घड़ियां, एक आईफोन और नकदी (1 लाख रुपये से अधिक) और अन्य सामान चोरी करने के आरोप में आठ लोडर्स को गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल इसी समय लोडर्स के खिलाफ 40 मामले दर्ज किए गयए थे। जिनमें से सिर्फ 21 को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस अधिकारी का कहना है कि चोरी करने वाले लोडर्स अधिकतक वे लोग हैं जिन्हें जल्दी पैसे कमाने होते हैं। वे जानते हैं कि एयरलाइन यात्री आमतौर पर अपने चेक-इन बैगेज में कीमती सामान रखते हैं। अधिकारी ने आगे कहा कि चोरी आमतौर पर फ्लाइट के अंदर होती है। जहां सीसीटीवी कैमरे कम होते हैं।
कुछ मिनटों में हो जाता है खेल
दरअसल, दो तीन लोडर चेक-इन बैग को टर्मिनल से फ्लाइट तक ट्रॉलियों में ले जाते हैं। प्लेन की ऊंचाई के कारण इन बैग्स को होल्ड (विमान के पेट) तक ले जाने के लिए एक बेल्ट लोडर (एक झुका हुआ कन्वेयर बेल्ट) का इस्तेमाल किया जाता है। एक लोडर ट्रॉली से इन बैग्स को बेल्ट पर रखता है, जबकि दूसरा लोडर होल्ड के अंदर बैठकर इन बैग्स को अंदर सेट करता है। अधिकारी का कहना है”होल्डर में बैठा लोडर अक्सर अपने सहयोगी के साथ मिलकर इन चोरियों को अंजाम देता है।”
टर्मिनल से फ्लाइट तक कैसे होती है चोरी
इस मामले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने हमारे सहयोगी द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि टर्मिनल से फ्लाइट के रास्ते में भी चोरी होती है। इस चोरी को अंजाम देने के लिए आरोपी बेहतरीन बैग चुनते हैं। वे जिप में एक पिन या पेचकस फंसा देते हैं। फिर बैग को खोलने के लिए उसे जोर-जोर से आगे-पीछे घुमाते हैं। इसके बाद अगले 3-4 मिनट में उन्हें जो भी कीमती सामान दिखता है वे उसे चुरा लेते हैं। इसके बाद वे जिप को दांतों के एक बराबर कर बंद कर देते हैं या लुब्रिकेंट डालकर जिपर को तब तक आगे-पीछे खींचते हैं जब तक वह बंद न हो जाए।
अधिकारी का कहना है कि कुछ ऐसे आरोपी भी सामने आए जिन्होंने चोरी के सामान को अपने अंडरगारमेंट्स के अंदर छिपा रखा था। अधिकारी ने आगे कहना है कि वे ऐसे जगह पर चोरी को अंजाम देते थे जहां कैमरा नहीं लगा था।
मामले में एक सूत्र ने कहा कि एयरलाइंस लोडिंग और ग्राउंड हैंडलिंग के लिए आउटसोर्स करती हैं। अधिकारियों ने कहा कि हर हवाई अड्डे पर कम से कम करीब 100 से 200 लोडर होते हैं। उनमें से सभी के पास एयरपोर्ट एंट्री पास होता है। इस तरह आरोपी एयरपोर्ट पर चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं और हमें खबर भी नहीं होती है। तो अगली बार जब आप फ्लाइट लें तो सावधानी जरूर बरतें।