साल 1991 में अमेरिका के टेक्सास के आस्टिन शहर की चार लड़कियों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड को तीन दशक बीत गए लेकिन दुनिया की टॉप एजेंसी मानी जाने वाली FBI को भी कुछ नहीं मिला और पुलिस के पास कई सबूत होने के बावजूद पकड़े गए संदिग्ध आरोपी छूट गए।
6 दिसंबर 1991 को टेक्सास के ऑस्टिन शहर की पुलिस को सूचना मिली कि एक मशहूर दही की दुकान (Austin yogurt shop) में आग लग गई है। पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो वहां 4 किशोर लड़कियों की लाश मिली, जिनके सिर में गोली मारकर कत्ल कर दिया गया था। इतने रहस्यमयी तरीके से घटी इस घटना के बारे में पता चलते ही पूरे इलाके में हड़कंप मच गया था।
स्थानीय पुलिस की जांच में सामने आया कि उस दिन दो लोग दुकान में घुसे थे और अलग-अलग बंदूक से गोली चलाई गई थी। मृतक लड़कियों के नाम एलिजा, जेनिफर हार्बिसन, एमी और सास हार्बिसन था। इनमें से दो लड़कियों से रेप की भी आशंका थी। दुकान से सबूत इकट्ठा करने के साथ पुलिस ने टास्क फोर्स बनाई और रॉबर्ट, माइकल स्कॉट, मॉरिस पियर्स और फॉरेस्ट वेलबर्न नाम के चार संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया।
चारों संदिग्धों में से एक मॉरिस के पास से .22 कैलिबर की एक पिस्टल भी बरामद की और जांच में सामने आया कि गोली उसी बंदूक से चली थी। केस में खुलासे को लेकर स्थानीय पुलिस जल्दबाजी कर बैठी और अदालत में चारो संदिग्धों के खिलाफ सबूत कम पड़ गए, जिसके चलते उन्हें छोड़ना पड़ा। कुछ समय बीता और फिर से सबूतों के आधार पर चारों संदिग्धों को पुलिस पूछताछ में बुलाया गया।
इस बार की पूछताछ में रॉबर्ट व माइकल स्कॉट ने जुर्म कबूल लिया और अदालत ने सजा सुना दी। लेकिन दोनों के वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि पुलिस ने दोनों के बयानों को क्रॉस इस्तेमाल किया है। ऐसे में कोर्ट ने न्यायिक तौर पर उन्हें बरी कर दिया। भारी दबाव में काम कर रही पुलिस इस केस में लगातार फेल हो रही थी। वहीं, नौबत यहां तक आ पहुंची थी कि पुलिस को हत्यारे का पता लगाने के लिए विज्ञापन का सहारा लेना पड़ रहा था।
इस चर्चित केस में दोनों आरोपियों के बरी होने के बाद टेक्सास डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ने दखल देते हुए पुलिस से अपील की कि वह फिर उन पर मुकदमा चलाए। ऐसे में पुलिस ने संदिग्धों को फिर से पकड़ने के लिए डीएनए सैम्पल को आधार बनाया। इसके बाद पुलिस ने उस दिन घटनास्थल के आसपास मौजूद 100 लोगों के सैम्पल इकट्ठा किये, इसमें पुलिस को एक कामयाबी तब मिली जब एक लड़की के स्वैब में एक सैम्पल मैच कर गया।
हालांकि, किस्मत धोखा तब दे गई जब उस सैम्पल का मिलान चारों संदिग्धों के सैम्पल से मैच नहीं हुआ, ऐसे में FBI से मदद ली गई। अमेरिका के पब्लिक ऑनलाइन डीएनए डाटा में FBI द्वारा छानबीन की गई तो वहां भी सैम्पल मैच पाया गया, लेकिन जांच एजेंसी ने प्राइवेसी लॉ का हवाला देकर उस नाम को उजागर करने और पुलिस की मदद करने से इंकार कर दिया।
साल 2020 से इस हत्याकांड पर FBI फिर से ऑस्टिन पुलिस के साथ काम कर रही है और एडवांस टेस्टिंग के जरिए जुटाए गए 25 सबूतों के बाद उसके हाथ खाली है। इसका कारण यह भी है कि 1991 और 2022 के शहर और परिवेश में भारी बदलाव हो गया है। घटनाक्रम में पकड़े सभी संदिग्ध कई साल जेल में रहने के बाद बाहर हैं, क्योंकि कभी आरोप सही ढंग से साबित ही नहीं हो पाए।