पश्चिमी यूपी के गैंगस्टर की बात की जाए तो सबसे पहले सुंदर नागर उर्फ सुंदर डाकू का नाम जुबान पर आता है। समय बदला..इलाका बदला लेकिन कुछ नाम ऐसे थे जो अपराध की दुनिया में इतने कुख्यात हुए कि पूरा इलाका कांपता था। सुंदर भाटी भी एक ऐसा ही नाम था। वो सुंदर भाटी जो गैंगवार की पैदाइश था पर 6 अप्रैल 2021 को उसे एक मामले में आजीवान कारावास की सजा सुनाकर जेल भेज दिया गया।
यह बात तब की है जब नोएडा और ग्रेटर नोएडा अस्तित्व में नहीं थे। ये हिस्सा तब बुलंदशहर और गाजियाबाद के अंदर आता था। 80 का दशक ख़त्म हो रहा था और यहां दो गुटों की गैंगवार ने सभी की नाक में दम कर रखा था, क्या पुलिस और क्या प्रशासन। 80 के दशक में सतबीर गुर्जर और महेंद्र फ़ौजी की दुश्मनी जगजाहिर थी। लेकिन दो सालों के अंतर में दोनों बदमाशों को पुलिस ने ढेर कर दिया। सतबीर को 1992 में तो वहीं फौजी को 1994 में मार गिराया गया था।
सतबीर और महेंद्र फ़ौजी की मौत के बाद नरेश भाटी और सुंदर भाटी का उदय हुआ, तब सुंदर बस यूनियन में जुड़ा हुआ था। तब सुंदर भाटी का नाम मारपीट तक ही सीमित था लेकिन 1997 में जब गौतम बुद्ध नगर बना तो सुंदर भाटी ने बड़े कारोबारियों से वसूली और रंगदारी मांगने का काम शुरू कर दिया। इसके बाद नरेश भाटी ने चुनाव लड़ा और जिला पंचायत अध्यक्ष बन गया। लेकिन साल 2004 में नरेश भाटी को मार दिया गया, आरोप सुंदर पर था लेकिन गवाहों के न होने के कारण सुंदर भाटी बरी हो गया।
नरेश भाटी की मौत के बाद सुंदर भाटी ने अपनी पत्नी को दनकौर का ब्लॉक प्रमुख बनवा दिया। इसी दौरान सुंदर भाटी ने एक स्थानीय कारोबारी हरेंद्र प्रधान से रंगदारी मांगी। पैसे न देने के बाद हरेंद्र प्रधान की हत्या हो गई और आरोप फिर से सुंदर भाटी पर लगा। मामले में 9 लोगों पर मुकदमा हुआ और केस चला तो साल 2021 में सुंदर भाटी को हरेंद्र प्रधान की हत्या मामले में आजीवान कारावास की सजा सुनाई गई थी।
हालांकि, नरेश भाटी की मौत के बाद सुंदर भाटी पर भी साल 2011 के नवंबर में हमला हुआ था। इस हमले में रणदीप भाटी, अमित कसाना और अमित दुजाना ने गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई, लेकिन भाटी बच निकला और इस घटना में तीन लोग मारे गए। इसके बाद साल 2014 में उसे नोएडा से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और वह पिछले 7 सालों से जेल में बंद था।
साल 2017 में यूपी में योगी सरकार आने के बाद सुंदर भाटी और उनके गिरोह पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया गया था। ऐसे में सुंदर भाटी और उसके साथियों की करोड़ों की संपत्ति कुर्क कर दी गई थी। सुंदर भाटी और उसके गुर्गों पर बुलंदशहर, दिल्ली, मेरठ, फरीदाबाद सहित कई जगहों पर हत्या और हत्या की साजिश के 11 केस, लूटपाट, रंगदारी, जबरन वसूली, धमकी जैसे मामलों में करीब 150 केस दर्ज थे। इनमें से सुंदर भाटी पर ही 40 से ज्यादा केस दर्ज थे।