दिल्ली के कैंट इलाके में जनरल मानेकशा पुस्तकालय से कथित रूप से किताबें चुराने और जासूसी के आरोप में सेना के एक पूर्व अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है। उनसे खुफिया ब्यूरो और दिल्ली पुलिस के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। हालांकि पुलिस को ऐसा कोई सुराग या तथ्य नहीं मिला, जिससे उन्हें जासूस कहा जा सके।
मुकेश अरोरा (64) भारतीय सेना में रह चुके हैं। उनको दिल्ली पुलिस ने चोरी और जासूसी के आरोपों में शनिवार को गिरफ्तार किया। शुक्रवार की रात उन्हें उस समय हिरासत में लिया गया था, जब वह दिल्ली कैंट के मानेकशॉ केंद्र स्थित पुस्तकालय से कुछ किताबें चुरा रहे थे। पुलिस का कहना है कि मुकेश अरोरा शुक्रवार की रात मानेकशॉ पुस्तकालय में यह कहते हुए घुसे कि वह कर्नल है। जब वह कथित रूप से आठ किताबें लेकर निकले, तो आर्मी ऑफिसर ने उन्हें पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया।
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सेना के अधिकारी ने शक जताया कि मुकेश अरोरा विदेशी एजेंसियों के लिए जासूसी कर रहे हैं। क्योंकि वह अब कनाडा में बस गए हैं। पुलिस हिरासत में उनसे इंटेलिजेंस ब्यूरो (Intelligence Bureau) और दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा (Delhi Police Special Cell) के अधिकारियों ने काफी देर तक पूछताछ की। दिल्ली पुलिस और दूसरी एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या वह जासूस हैं। हालांकि पुलिस ने अब तक ऐसा कुछ ठोस तथ्य नहीं पाया है।
दिल्ली कैंट थाने के इंस्पेक्टर समीर श्रीवास्तव ने बताया, “यह कहना मुश्किल है कि वह जासूसी कर रहे थे। अभी तक ऐसा कुछ मिला नहीं है।” मुकेश अरोरा के पास दोहरी नागरिकता है। वह अमेरिका और कनाडा दोनों जगह के नागरिक हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि वह दिल्ली के वसंत कुंज में रहते हैं और कदाचरण के कारण सेना से निकाल दिए गए हैं। इस सूचना की पुलिस जांच कर रही है
