दिल्ली में सेना की लाइब्रेरी से किताबें चुराने के आरोप में गिरफ्तार भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी ने तिहाड़ जेल में गुरुवार को कथित रूप से जेल की पहली मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। उनके पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता थी। कुछ समय पूर्व उन्हें सेना से बर्खास्त कर दिया गया था। उसके बाद वह कनाडा चले गए थे। दिल्ली में लाइब्रेरी के अधिकारियों ने उन पर जासूसी करने का शक जताया था।
इन-हाउस पत्रिका सहित नौ किताबें चुराने का आरोप था : 64 वर्षीय सेना के पूर्व कैप्टन मुकेश चोपड़ा को दिल्ली पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने 2 नवंबर को दिल्ली छावनी में मानेकशॉ सेंटर में कुछ समय के लिए हिरासत में लेने के बाद गिरफ्तार किया था। सेंटर के अधिकारियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने कथित रूप से एक इन-हाउस पत्रिका सहित नौ किताबें चुराई थीं। पुलिस ने उसके कब्जे से चार मोबाइल फोन बरामद करने का भी दावा किया था। उस पर दिल्ली छावनी पुलिस स्टेशन में चोरी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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हिरासत में खुफिया ब्यूरो ने की थी पूछताछ : मामले में सुरक्षा एजेंसियों ने उन पर जासूसी करने का संदेह जताया था। बाद में उनको तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। इस दौरान उनसे पुलिस, खुफिया ब्यूरो और अन्य जांच एजेंसियों ने संयुक्त रूप से पूछताछ की थी। ड्यूटी मजिस्ट्रेट प्रिया अग्रवाल की अदालत ने उन्हें 6 नवंबर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
जेल में जान देने की वजह नहीं पता चली : तिहाड़ जेल के एक अधिकारी ने कहा, “जेल में उन्होंने कंट्रोल रूम की पहली मंजिल से छलांग लगा दी। उनकी काउंसलिंग होनी थी। हमने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बच नहीं सके।” फिलहाल मामले की जांच कर रहे अफसरों को कहना है कि उन्होंने आत्महत्या क्यों की, इसका पता लगाया जा रहा है। उन पर जासूसी करने का आरोप था। पूछताछ के दौरान पुलिस को ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला, जिससे यह साबित हो सके कि वह जासूसी कर रहे थे।

