Anil Kumar Sharma Bail Plea: सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप ऑफ कंपनीज के पूर्व सीएमडी अनिल कुमार शर्मा की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा है कि उन्होंने हजारों घर खरीदारों को धोखा दिया और वे किसी सहानुभूति के पात्र नहीं हैं। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की दो सदस्यीय बेंच ने अनिल कुमार शर्मा की जमानत याचिका पर अभियोजन एजेंसी को नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया।
चार साल से अधिक समय से जेल में हैं अनिल कुमार शर्मा
अनिल कुमार शर्मा इस मामले में चार साल से अधिक समय से जेल में हैं। रियल एस्टेट समूह के पूर्व सीएमडी और फर्म के अन्य निदेशकों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गिरफ्तार किया गया था, जब फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि प्रबंधन द्वारा बड़ी मात्रा में घर खरीदारों के पैसे की हेराफेरी की गई थी। कोर्ट ने कहा कि अपराध “बहुत संगीन” था और यहां तक कि अदालत को भी समस्या से निपटने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।
बेहतर होगा कि आप जेल में रहने का आनंद लें…
बेंच ने उनसे कहा, ‘आपने हजारों घर खरीदारों को ठगा है। आपका मामला साधारण धोखाधड़ी का मामला नहीं है। हजारों घर खरीदारों की दुर्दशा देखें। आपको हमारी सहानुभूति नहीं हो सकती है। बेहतर होगा कि आप जेल में रहने का आनंद लें… यह अदालत बहुत अच्छी तरह से जानती है कि आपने क्या किया। आपने गड़बड़ी की और हमने इसका कोई रास्ता नहीं ढूंढ पा रहे हैं। बड़ी संख्या में घर खरीदार पीड़ित हैं।”
आम्रपाली समूह पर फ्लैट खरीदारों के पैसे हड़पने का आरोप
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अनिल कुमार शर्मा को चिकित्सकीय आधार (Medical Ground) पर कुछ सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। अनिल कुमार शर्मा और अन्य साल 2018 में धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और मनी लॉन्ड्रिंग सहित विभिन्न अपराधों के लिए अपनी गिरफ्तारी के बाद से जेल में हैं। वे सभी लगभग चार साल जेल में बिता चुके हैं। उन पर घर खरीदारों के पैसे हड़पने का आरोप लगाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में किया था NCR के पट्टों को खत्म
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 23 जुलाई, 2019 के फैसले में फ्लैट खरीदारों द्वारा किए गए भरोसे को भंग करने के लिए दोषी बिल्डरों पर नकेल कस दी थी और रियल एस्टेट कानून रेरा के तहत आम्रपाली समूह के पंजीकरण को रद्द करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने राजधानी क्षेत्र (NCR) भूमि के पट्टों को समाप्त कर इसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख संपत्तियों से बेदखल कर दिया था।
आम्रपाली समूह के 42,000 से अधिक घर खरीदारों को राहत
सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा रीयलटर्स द्वारा कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच का निर्देश दिया था, जिससे फैसले के साथ आम्रपाली समूह के 42,000 से अधिक घर खरीदारों को राहत मिली थी। ईडी के अलावा, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) भी रियल एस्टेट समूह के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ दर्ज विभिन्न मामलों की जांच कर रहे हैं।
