साल 1988 में दिल्ली के नेहरु प्लेस के एक फेमस फाइव स्टार होटल में एक सुरक्षा गार्ड अक्सर लोगों को होटल के गेट पर नजर आता था। यहां गार्ड की नौकरी करते हुए उसने देखा था कि अक्सर होटल में कई दौलतमंद लोग आते थे। इनके पास बेशुमार दौलत और महंगी गाड़ियां होती थीं। शायद उसी वक्त इस शख्स ने सोच लिया था कि एक दिन वो भी दौलतमंद जरूर बनेगा। लेकिन इस शख्स ने पैसे कमाने के लिए जो धंधा शुरू किया वो चौंकाने वाला था। आज हम बात कर रहे हैं गार्ड से स्वयं-भू बाबा बनने वाले स्वामी भीमानंद की। भीमानंद का असली नाम शिव मूर्त द्विवेदी था। शिव मूर्त द्विवेदी उर्फ बाबा भीमानंद पर वेश्यावृति कराने के गंभीर आरोप लगे थे।
दिल्ली में नौकरी करने के बाद वो आगरा के एक फाइव स्टार होटल में काम करने लगा। लेकिन यहां होटल में काम करने में उसका मन नहीं लगा और वो पास दिल्ली आ गया। उसने साऊथ दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में साईं मसाज पार्लर में मैनेजर की नौकरी पकड़ ली। यहां नौकरी करते हुए उसकी मुलाकात एक और द्विवेदी नाम के शख्स से हुई। शिव मूर्त के दोस्त ने यहां उसकी मुलाकात कई साधु-संतों से कराई। दरअसल उसका यह दोस्त शिरडी के साईं बाबा का भक्त था। यहीं से द्विवेदी के मन में बाबा बनने का विचार चलने लगा। हालांकि वो इस कोशिश में लगा ही था कि साल 1997 में अपराध के एक मामले में उसे दिल्ली पुलिस ने सबसे पहली बार गिरफ्तार किया। इसके बाद उसे डकैती के आरोप में साल 1998 में बदरपुर इलाके से गिरफ्तार किया गया।
लेकिन इस मामले में रिहा होने के बाद वो नोएडा चला गया और और यहां आकर वो शिव मूर्त द्विवेदी से इच्छाधारी स्वामी भीमानंद बन गया। कहा जाता है कि इच्छाधारी बाबा बनने के बाद भीमानंद सेक्स ट्रैफिकिंग का बड़ा नाम बन गया। उसके टच में मॉडल्स, टीवी की संघर्षशील अभिनेत्रियां, विदेशी एयर हॉस्टेस थीं। वो इन सभी से देह व्यापार कराता और एक रात के 20,000-30,000 रुपए तक वसूलता था। स्वामी भीमानंद ने दिल्ली के बदरपुर इलाके में स्थित एक साईं मंदिर में अपना मंदिर भी बनवाया। लेकिन धर्म के इस धंधे की आड़ में वो देह व्यापार का धंधा भी चलाता था। कहा जाता है कि स्वामी भीमानंद के संबंध कई सफेदपोशों से भी थे और वो अक्सर उससे आशीर्वाद लेने भी उसके पास जाया करते थे।
पुलिस ने साल 2003 में उसे पकड़ने के लिए पूरे प्लान के साथ काम किया और दो फर्जी ग्राहक बनाकर उसके पास भेजे। डील पक्की होने के बाद जाल बिछाकर पुलिस ने स्वामी भीमानंद का पर्दाफाश किया। पुलिस ने इस स्वयं-भू बाबा को 6 सेक्स वर्करों के साथ गिरप्तार किया था। लेकिन इस मामले में जेल से बाहर आते ही भीमानंद एक बार फिर बाबा बनकर लोगों को बेवकूफ बनाने लगा। लेकिन दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने साल 2009 में एक बार फिर जाल बिछाकर इस इच्छाधारी बाबा को गिरप्तार कर लिया था। चित्रकूट के चमरौहा गांव का रहने वाला शिव मूर्त, बाबा बनने के बाद खुद को साईं बाबा का अवतार बताता था। 12 सालों में स्वामी भीमानंद ने अपने कारोबार से करोड़ों की संप्तति बनाई थी। दिल्ली के खानपुर इलाके में उसका मकान एक मंदिर के रूप में बदल गया। जानकारी के मुताबिक13 बैंक खातों में उसके पास 90 लाख से ज्यादा रुपए मिले थे और उसके पास तीन कारें भी थीं। (और…CRIME NEWS)
