बात 70 के दशक की है और जगह थी इलाहाबाद जिसे अब हम प्रयागराज के नाम से जानते हैं। शहर में तांगा चलाने वाले फिरोज के 17 साल के बेटे पर हत्या का आरोप लगा तो फिरोज अचानक से चर्चा में आ गए। लेकिन 17 साल का वह लड़का बाद में चलकर यूपी का बड़ा माफिया बना जिसे हम अतीक अहमद के नाम से जानते हैं।
अतीक अहमद का जन्म श्रावस्ती जिले में 10 अगस्त 1962 को हुआ था। परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी इसलिए पिता कमाने घर से दूर प्रयागराज चले आये। पिता चाहते थे कि उनका बेटा पढ़-लिखकर कुछ करेगा तो गुजर-बसर हो जाएगी लेकिन अतीक का मन पढ़ाई में नहीं लगा और उसने स्कूल जाना बंद कर दिया। साल 1979 में अतीक जब 17 साल का हुआ तो उसके ऊपर हत्या जैसे संगीन जुर्म का इल्जाम लगा और एक तांगेवाले का लड़का अब गुंडा बन चुका था।
अतीक धीरे-धीरे अपराध की दुनिया में रमता चला गया लेकिन जब उसे पता चला कि अगर कुछ बड़ा करना है तो एक गॉडफादर का होना जरूरी है। ऐसे में उसने शहर के बड़े बदमाश चाँद बाबा की गैंग ज्वाइन कर ली और 22 साल की उम्र में अब वो बड़ा गुंडा बन चुका था। इसके अलावा अतीक ने सियासी गलियारों में भी अपनी पैठ बनानी शुरू कर दी। जहां 80 के दशक में एक ओर पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी, हरिशंकर तिवारी और बृजेश सिंह जैसे बाहुबलियों की तूती बोल रही थी तो वहीं प्रयागराज में अतीक अहमद का बोलबाला था।
साल 1986 में अतीक पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। इसके बाद अहमद ने चुनाव लड़ना चाहा और 1989 के चुनावों में इलाहाबाद की पश्चिमी सीट से निर्दलीय ही नामांकन कर दिया। इन चुनावों में उसका सामना अपने ही उस्ताद रहे चांद बाबा से हुआ लेकिन इस बार बाबा की किस्मत अच्छी नहीं थी और अतीक यह चुनाव जीत गया। अब अतीक गुंडे के साथ-साथ नेता भी बन गया था, वही चुनाव होने के कुछ दिन बाद ही चांद बाबा का मर्डर हो गया और इस हत्या का आरोप अतीक पर लगा।
अतीक जिस तरह जुर्म की दुनिया में बादशाहत कायम किये हुए था, उसी तरह सियासी जमीन में भी उसने अपनी पकड़ बना ली थी। अतीक ने निर्दलीय ही रहते हुए 1991 और 93 का चुनाव जीता। फिर साल 1996 में हुए चुनावों में वह सपा के टिकट पर जीतकर विधायक बना। फिर उसने सपा का दामन छोड़ अपना दल से टिकट लिया लेकिन चुनाव में हार गया। साल 2002 में एक बार फिर से अपनी पुरानी सीट से अपना दल के बैनर तले इलेक्शन लड़ा और पांचवी बार विधायक बना।
पांच बार के विधायक अतीक की अब इच्छाएं बड़ी थी, ऐसे में वह विधायक नहीं बल्कि सांसद बना। अतीक पर 90 से ज्यादा मामलों में मुकदमें दर्ज हैं और उसे मर्डर, धमकी, किडनैपिंग और रंगदारी समेत कई केसों में नामजद किया गया है। इस समय अतीक गुजरात के साबरमती जेल में बंद है।