Written by Sanath Prasad
कन्नड़ लेक्चरर और दलित कार्यकर्ता हुलिकुंटे मूर्ति पर चंद्रयान-3 पर उनके विवादास्पद पोस्ट के लिए हमला किए जाने और व्यक्तिगत रूप से जातिवादी गालियों के साथ निशाना बनाए जाने के कुछ दिनों बाद कर्नाटक पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ एससी और एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम (SC-ST Act) का मामला दर्ज किया है। मूर्ति की शिकायत के बाद कामाक्षीपाल्या पुलिस स्टेशन ने 17 जुलाई को एफआईआर दर्ज की थी। आरोपियों की पहचान कल्याण एम, सुदर्शन, विकास विक्की, मृनतुंजय हिरेमथ, बसु नायक, तुमकुरु केसरी और अन्य के रूप में की गई है।
चंद्रयान -3 की लॉन्चिंग से पहले इसरो टीम की तिरुपति मंदिर में पूजा पर निशाना
हुलिकुंटे मूर्ति सरकारी पीयू कॉलेज मल्लेश्वरम में कन्नड़ व्याख्याता के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने कन्नड़ में एक फेसबुक पोस्ट में कथित तौर पर पोस्ट किया: “चंद्रयान -3 विफल हो जाएगा …” ‘तिरुपति नामा’ वाक्यांश का उपयोग करते हुए उन्होंने संकेत दिया कि इस बार भी चंद्रमा मिशन विफल हो जाएगा। इसरो वैज्ञानिकों की एक टीम ने पिछले शुक्रवार को लॉन्च से पहले आंध्र प्रदेश में चंद्रयान 3 के लघु मॉडल के साथ तिरुपति मंदिर में पूजा की। कन्नड़ लेक्चरर ने इसी पर निशाना साधते हुए फेसबुक पोस्ट किया था।
एससी-एसटी एक्ट और आईपीसी की इन धाराओं के तहत मामला दर्ज
एफआईआर के मुताबिक, हुलिकुंटे मूर्ति को सोशल मीडिया पर नफरत भरे, जातिवादी और धमकी भरे संदेशों के जरिए निशाना बनाया गया। इस विवाद में उनकी पत्नी नंदा मूर्ति को भी घसीटा गया। एफआईआर रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी विकास वी हिंदू ने मूर्ति को ‘देशद्रोही कीड़ा’ कहा, बसु नाइक ने नंदा मूर्ति को अपनी ‘पेशाब से भीगी चप्पल’ से मारने की धमकी दी और तुमकुर केसरी की एक पोस्ट में उनकी पत्नी की तुलना एक सेक्स वर्कर से की गई। पुलिस ने एससी और एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं और आईपीसी 1860 की धारा 153बी, 503, 506, 354 (ए) (4) के तहत मामला दर्ज किया है।
वैज्ञानिकों चंद्रयान-3 के मॉडल को तिरुपति मंदिर ले जाने से नाराजगी
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए मूर्ति ने कहा, “मैं और मेरी पत्नी पिछले कुछ दिनों से हो रहे घटनाक्रम से मानसिक रूप से परेशान हैं। मैंने वैज्ञानिक स्वभाव के बारे में भी पढ़ाया है। यह तथ्य कि चंद्रयान 3 के लघु मॉडल को इसरो वैज्ञानिकों द्वारा एक मंदिर में ले जाया गया था ने मुझे इस परियोजना के पीछे के लोगों के वैज्ञानिक स्वभाव पर सवाल उठाने पर मजबूर कर दिया। मैंने लाक्षणिक रूप से सवाल किया कि अगर पिछले साल की तरह इस बार भी मिशन विफल हो गया तो क्या होगा। पीछे मुड़कर देखने पर मुझे लगता है कि मुझे अपने विचार अलग तरीके से कहने चाहिए थे।”
भाजपा नेता ने लेक्चरर पर जताया अफसोस, शिक्षा विभाग ने मांगी सफाई
भाजपा नेता और कर्नाटक के पूर्व शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार द्वारा वर्तमान शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा को पत्र लिखकर लेक्चरर के पद पर चिंता व्यक्त करने के बाद विवाद बढ़ गया। उन्होंने इसे बीमार मानसिकता का बताते हुए लेक्चरर को इस ‘गैरजिम्मेदाराना व्यवहार’ को दोबारा न दोहराने की चेतावनी भी दी। सरकार ने बुधवार को मूर्ति को नोटिस भेजकर फेसबुक पोस्ट पर स्पष्टीकरण भी मांगा। उम्मीद है कि मूर्ति जल्द ही स्कूल शिक्षा विभाग को अपना जवाब सौंपेंगे।
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नागरिक अधिकार समूहों ने सरकार से की धमकी देने वालों पर कार्रवाई की मांग
दूसरी ओर नागरिक अधिकार समूह बहुत्वा कर्नाटक ने हुलिकुंटे मूर्ति पर सोशल मीडिया पर हमले की निंदा की और कर्नाटक सरकार से उन उपद्रवियों पर कार्रवाई करने की मांग की जिन्होंने घृणित, जातिसूचक और डराने वाले भाषण के साथ उन्हें और उनके परिवार को निशाना बनाया।
स्कूल मंत्री बंगारप्पा को लिखे पत्र में जाति, विभाजन, आरक्षण, तार्किकता, मानवता वगैरह का जिक्र
स्कूल मंत्री बंगारप्पा को लिखे पत्र में समूह ने कहा, “मूर्ति के खिलाफ हमलों से उन सभी लोगों को अत्यधिक मानसिक पीड़ा हुई है जो आरक्षण का लाभ उठाते हैं। इससे पता चलता है कि आजादी के 75 साल बाद भी जाति विभाजन और सम्मान पर हमले का कारण बनी हुई है। इन पोस्टों से यह भी पता चलता है कि उनमें वैज्ञानिक सोच, तर्कसंगतता और यहां तक कि मानवता का भी पूर्ण अभाव है।” समूह ने यह भी मांग की कि सरकार वैज्ञानिक स्वभाव, तर्क, मानवतावाद और जांच और सुधार की भावना के विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक योजना लाए।