नोटबंदी के करीब ढाई साल बाद पुलिस ने चौंकाने वाले एक मामले में अंतरप्रांतीय गिरोह के छह सदस्यों को चलन से बाहर किए गए एक करोड़ रुपए से ज्यादा के नोटों के साथ यहां रविवार को धर दबोचा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रुचिवर्धन मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया कि मुखबिर की सूचना पर एमजी रोड क्षेत्र में पकड़े गए आरोपियों की पहचान मोहम्मद असलम अली (25), दिलीप जेना (31), राजीव कुमार पांडा (25), दिव्यराम ब्योवरा (27), विशाल सिंह परिहार (33) और जय कुशवाह (33) के रूप में हुई है। गिरोह के सरगना असलम समेत इसके चार सदस्य उड़ीसा के रहने वाले हैं, जबकि दो अन्य मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर से ताल्लुक रखते हैं।
स्कूल बैगों में छिपा रखे थे नोटः पुलिस ने बताया कि गिरोह के सदस्यों ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों की निगाहों से बचने के लिए स्कूल बैगों में बंद किए गए नोट छिपा रखे थे। तलाशी के दौरान इन बैगों से 500 और 1,000 रुपए के बंद किए गए नोटों की शक्ल में एक करोड़ एक लाख 15 हजार रुपए के नोट बरामद किए गए। ये बंद नोट कथित तौर पर उड़ीसा के व्यापारियों से यह कहकर प्राप्त किए गए थे कि इन्हें “कमीशन के आधार पर” प्रचलित मुद्रा से बदलवा दिया जाएगा।
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पहले भी पकड़ी जा चुकी हैं बंद नोटों की खेपेंः एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है कि उन्होंने बंद नोटों की खेप किन लोगों से हासिल की थी और इसे किन व्यक्तियों के जरिए प्रचलित मुद्रा से बदलवाया जाना था। आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय को भी मामले की सूचना दी जा रही है।बहरहाल, बंद नोटों की बड़ी खेपें यहां पहले भी पकड़ी जा चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट बंद किए जाने की घोषणा की थी।