दिल्ली पत्रकार सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने सभी 5 आरोपियों को दोषी करार दिया है। जिसमें से 4 रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को डबल उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं 5वें दोषी अजय सेठी को 3 साल की साधारण कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट के इस फैसले से सौम्या की मां खुश नहीं है। उनकी तकलीफ को उनके शब्द बयां कर रहे हैं।
15 साल का इंतजार, अब मिला इंसाफ
जरा सोचिए जिस मां की बेटी को 15 साल पहले गोली मार दी गई हो। जो मां 15 सालों से बिना हारे बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ी हो, आज जब फैसला सुना होगा तो उसके दिल पर क्या बीता होगा। ना जाने कितनी बार उसकी आंखें पथराई होंगी। वह रोई होगी। शायद बार-बार बेटी का चेहरा उसकी आंखों के सामने आ रहा होगा। इतना वक्त बीत जाने के बाद यह फैसला सुनने पर आज उसे क्या एहसास हुआ होगा हम उसकी कल्पना नहीं कर सकते। वे पिता जो 15 सालों से न्याय के लिए कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं। आज फैसला सुनने के लिए कोर्ट में नहीं, आईसीयू में थे। तो जब कोर्ट में सुनवाई के वक्त जज ने सौम्या की मां से एक सवाल पूछा तो उनका जवाब सुन सभी लोग हैरान रह गए। वे अब इसके सिवा क्या ही कहतीं। कही तो रही हैं पिछले 15 सालों से।
15 साल पहले मारी गई थी गोली
दरअसल, पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की 2008 यानी 15 साल पहले कार के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में फैसला आने के बाद उनकी मां माधवी विश्वनाथन ने कहा कि वह अदालत के निर्णय से संतुष्ट हैं लेकिन खुश नहीं हैं। असल में दिल्ली की एक कोर्ट ने सौम्या मर्डर केस में शनिवार को 4 दोषियों को आजीवन कारावास जबकि 5वें दोषी को तीन साल जेल की सजा सुनाई।
फैसला आने के बाद सौम्या की मां माधवी ने कहा, ‘‘मैं यही चाहती थी कि जो हम कष्ट सह रहे हैं, वे (आरोपी) भी जिंदगी भर यही दर्द सहें। मैं इस फैसले से संतुष्ट हूं लेकिन मैं यह नहीं कहूंगी कि मैं खुश हूं। मेरे पति आईसीयू में हैं। उनकी बायपास सर्जरी हुई है।’’ बता दें कि कोर्ट की कार्यवाही के दौरान जज ने सौम्या की मां से पूछा कि क्या आप कुछ कहना चाहती हैं? इस पर सौम्या की मां माधवी ने कहा, ‘‘न्याय होना चाहिए।’’
बता दें कि कोर्ट ने मामले में दोषी करार दिये गए रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को आजीवन कारावास जबकि अजय सेठी को तीन साल साधारण कारावास की सजा सुनाई है।
अदालत ने कपूर, शुक्ला, मलिक और कुमार पर अलग-अलग सवा लाख रुपये और सेठी पर 7.25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। दरअसल, पत्रकार विश्वनाथन की 30 सितंबर, 2008 की देर रात दक्षिणी दिल्ली के नेल्सन मंडेला रोड पर उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जब वह ऑफिस से घर लौट रही थीं। पुलिस ने दावा किया था कि इस वारदात को लूटपाट के इरादे से अंजाम दिया गया था।