रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध को दो साल हो चुके हैं, अभी भी जमीन पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। कई इलाकों में बम धमाके हो रहे हैं, लोगों की जान जा रही है। अब इस बीच भारत में एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है जहां पर विदेश में नौकरी का झांसा देकर लोगों को रूस-यूक्रेन युद्ध में भेजा जा रहा था। जबरदस्ती बिना उनकी मर्जी के पहले युद्ध में शामिल करवाया गया और बाद में कई घायल भी हुए।

अब सीबीआई ने इस मामले की जांच अपने हाथों में ले ली है। बताया जा रहा है कि जांच एजेंसी ने दिल्ली, त्रिवेदपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरई, चेन्नई जैसे कई इलाकों में रेड मारी है और वहां से 50 लाख कैश, संदिग्ध सामान, मोबाइल फोन जब्त किया गया है। हैरानी की बात ये है कि लंबे समय से ये फ्रॉड किया जा रहा था और किसी को भी इसकी भनक तक नहीं हुई।

जानकारी मिली है कि अभी तक करीब 35 युवाओं को बिना उनकी मर्जी के रूस-यूक्रेन युद्ध में झोंक दिया गया। बड़ी बात ये है कि फ्रॉड करने वाली ये गैंग काफी चालाकी से युवाओं को फंसाने का काम कर रही थी। पहले सोशल मीडिया के जरिए अपने टारगेट को खोजा जाता था, फिर उन युवाओं को नौकरी का झांसा दिया जाता था। बात में और ज्यादा दम लगे, इसके लिए रूस में बैठे लोकल कॉन्ट्रैक्टर्स से संपर्क करवाया जाता था और उसके बाद विदेश भेज दिया जाता।

अब पता ये चला है कि जिन भी लोगों को नौकरी के नाम पर विदेश भेजा गया, किसी को भी ये नहीं पता कि उन्हें युद्ध के लिए भेजा जा रहा है। अभी के लिए कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है और उन्हीं से आगे के सवाल-जवाब किए जा रहे हैं। उस आधार पर ही जांच आगे बढ़ेगी और फिर कई बड़ी गिरफ्तारियां भी संभव है।