राजस्थान में बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं का मुद्दा राजस्थान विधानसभा में भी उठा। प्रदेश की विधानसभा में बजट पारित होने के बाद अनुदान मांगों की चर्चा हो रही थी तभी विपक्ष ने सरकार को घेरने का प्रयास किया। इस कड़ी में सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद्र कटारिया ने बलात्कार की घटनाओं पर सरकार से सवाल किया।
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद्र कटारिया ने अपने सवाल में सरकार से पूछा कि 1 जनवरी 2019 से लेकर जनवरी 2022 तक पूरे प्रदेश में दुष्कर्म के कितने मामले दर्ज हुए। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान अशोक गहलोत सरकार बलात्कार की घटनाओं को रोकने में नाकामयाब रही है। सरकार केवल नाकामी छिपा रही है और वारदात को रोकने पर सरकार गंभीर कदम नहीं उठा रही है।
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद्र कटारिया के सवालों का मंत्री शांति धारीवाल ने जवाब दिया। मंत्री शांति धारीवाल ने सदन को जानकारी दी कि पिछले तीन साल यानी 1 जनवरी 2019 से लेकर 31 जनवरी 2022 में बच्चियों के साथ दुष्कर्म के 5,793 मामले सामने आए हैं। आंकड़ों के मुताबिक कम से कम 5 मामले प्रतिदिन रिपोर्ट हुए हैं और 6628 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
मंत्री शांति धारीवाल ने सदन को यह भी बताया कि अभी तक 129 मामलों में 398 आरोपियों को अदालत से सजा हो चुकी है। वहीं, मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि, पॉक्सो मामलों में चार्जशीट दो महीने के भीतर जमा की जानी चाहिए, लेकिन राजस्थान में 15 दिनों के भीतर जमा कर दी जाती हैं। साथ ही राज्य में पॉक्सो अदालतों ने कुछ मामलों में 26 दिन और एक महीने में भी फैसला सुनाया गया है, जबकि चार्जशीट नौ दिनों में ही दाखिल कर दी गई थी।
हालांकि, मंत्री धारीवाल ने माना कि मामलों में देरी से गिरफ्तारी, अदालतों में स्टे और एफएसएल जैसी रिपोर्ट में देरी जैसे कई कारणों के चलते केस कई दिनों तक लंबित रहते हैं। लेकिन इन दौरान मंत्री धारीवाल ने एक अजीबोगरीब बयान देकर बढ़ती घटनाओं के बीच सारा दोष सोशल मीडिया पर मढ़ दिया।
मंत्री धारीवाल ने कहा कि, प्रदेश में सोशल मीडिया पर चल रहे अश्लील कंटेट की वजह से रेप के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर मौजूद अश्लील कंटेट ही दुष्कर्म जैसी घटनाओं को बढ़ावा दे रही है। हालांकि, सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने को लेकर सरकार गंभीर व प्रतिबद्ध है।