राजस्थान पुलिस की एक गोपनीय रिपोर्ट में प्रदेश में 50 पुलिसकर्मियों का रिकॉर्ड दागदार पाया गया है। इसमें बताया गया है कि राज्य के करीब 400 पुलिसकर्मी अवैध धंधों में शामिल हैं। हाल ही में राजस्थान पुलिस के एक डीएसपी का महिला कांस्टेबल के साथ अश्लील वीडियो वायरल हुआ था। लेकिन राज्य पुलिस की रिपोर्ट आरपीएस हीरालाल सैनी का नाम नहीं है।

दैनिक भास्कर में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक इस रिपोर्ट को राज्य के पुलिस महानिदेशक एमएम लाठर ने तैयार करवाया है। इसका मकसद पुलिस के उन अधिकारियों और कर्मियों को चिह्नित करना है गलत कामों में लिप्त हैं या जिनपर आरोप लगे हैं।

गौरतलब है कि हाल के कुछ महीनों में राजस्थान पुलिस के कई कर्मी अलग अलग मामलों की वजह से खबरों में रहे हैं। कभी रिश्वत कांड तो कभी शराब बिकवाने या फिर शूटआउट की वजह से पुलिस का नाम सुर्खियों में रहा है। इन मामलों की जांच चल ही रही थी कि अचानक उदयपुर के एक आलीशान होटल के स्विमिंग पूल में बनाया गया डीएसपी और कांस्टेबल का वीडियो वारयल हो गया। बताया जा रहा है कि यह वीडियो एक नाबालिग बच्चे के सामने बनाया गया था, इसलिए दोनों पर अश्लीलता सहित पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इंडिया टुडे न्यूज चैनल से बातचीत में राज्य के डीजीपी लाठर ने कहा कि इस घटना से पुलिस की छवि खराब हुई है। उन्होंने कहा कि इस मामले के बाद राज्य पुलिस ने बदलाव की नीयत से 300 से अधिक पुलिसकर्मियों का तबादला किया है। डीजीपी ने कहा कि वो अपराधियों के साथ मिलीभगत करने वाले पुलिसकर्मियों को एक्सपोज करेंगे और उन पर आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि राजस्थान हाईकोर्ट ने 300 में से 250 तबादलों को यह कहते हुए रद्द कर दिया है कि यह सभी सहायक उप पुलिस निरीक्षक हैं और इन्हें नियुक्ति वाले जिले से बाहर नहीं भेजा जा सकता है। बकौल डीजीपी, पुलिस ने इस आदेश को हाईकोर्ट की डबल बेंच के सामने पुनरीक्षण के लिए दायर करने की तैयारी की है।

बताया जाता है कि इस रिपोर्ट की जरूरत तब महसूस की गई जब सहायक पुलिस आयुक्त कैलाश बोहरा पर एक महिला ने आरोपियों पर कार्रवाई के बदले अनुचित मांग करने का आरोप लगाया था।

इस साल राज्य पुलिस पर ऐसे कई आरोप लगे हैं जिनसे उसकी छवि धूमिल हुई है। एक मामला ऐसा भी था जिसमें थाने में ही दुष्कर्म किया गया था।