साल 2016 में अनुराधा चौधरी उर्फ अनुराग को नागौर जिले की एक अदालत ने सजा सुनाई थी। उसे 2 साल की सजा और 20,000 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया था। अनुराधा के बारे में कहा जाता है कि उसका जन्म सिकर में हुआ था। यह भी बताया जाता है कि वो खूंखार अपराधी आनंदपाल सिंह की सहयोगी रही है। अवैध हथियारों की हेराफेरी में वो आनंदपाल सिंह की सहयोगी थी।

अनुराधा चौधरी कितनी बड़ी गैंगस्टर रही है इसका अंदाजा इस बात से आप लगा सकते हैं कि जब उसे कोर्ट में पेश किया गया था तब वहां हाई लेवल की सुरक्षा व्यवस्था थी ताकि उसके गिरोह के लोग हमला कर कोई गड़बड़ी ना करें। कहा जाता है कि अनुराधा पर लूट, कि़डनैपिंग, रंगदारी मांगने और अन्य कई संगीन अपराध दर्ज हैं।

साल 2014 में पुलिस ने अनुऱाधा को जब पकड़ा था तब उसकी गाड़ी से हथियार और अवैध शराब मिला था। अनुराधा के बारे में बताया जाता है कि दिल्ली के एक कॉलेज से उसने ग्रेजुएशन किया है। अनुराधा और आनंदपाल के बीच लिंक का खुलासा उस वक्त हुआ था जब आनंदपाल जेल में बंद था और अनुराधा उससे मिलने आती थी। कहा जाता है कि आनंदपाल जब जेल गया तो अनुराधा ही उसके गैंग को चलाती थी। इसके अलावा यह दोनों मोबाइल से भी एक-दूसरे के संपर्क में थे।

इस लेडी डॉन के बारे में कहा जाता है कि वो एके 47 से फायरिंग करने में माहिर है। अनुराधा कैसे जुर्म की दुनिया में आई इसे लेकर कहा जाता है कि अनुराधा और उसके पति फैलिक्स दीपक मिन्ज ने सीकर में शेयर ट्रेडिंग का काम शुरू किया था। दोनों ने मिलकर लोगों के लाखों रुपए ट्रेडिंग में लगवा दिए। अचानक उसका धंधा चौपट हुआ और वो करोड़ों के कर्ज में डूब गई।

कर्ज खत्म करने के लिए उसने जुर्म का रास्ता चुना। पैसा वापस लौटाने का दबाव बना तो वो हिस्ट्रीशीटर बलबीर बानूड़ा के जरिए कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के सम्पर्क में आ गई। बताया जाता है कि आनंदपाल ने ही अनुराधा को अपराध सिखाया। अनुराधा ने घरवालों के खिलाफ जाकर लव मैरिज की थी। जुर्म की दुनिया में एक्टिव होने पर वह आनंदपाल के संपर्क में आई। सीकर के एक व्यापारी के अपहरण के मामले में पुलिस ने अनुराधा पर 5 हजार रुपए इनाम भी घोषित किया था।

27 जून 2006 को बहुचर्चित जीवणराम गोदारा हत्याकांड घटना के मुख्य गवाह प्रमोद चौधरी के भाई इंद्रचंद के अपहरण मामले में भी पुलिस को अनुराधा की तलाश थी। कहा जाता है कि कुख्यात आनंदपाल सिंह को अनुराधा ने ही अंग्रेजी सिखाया था। बता दें कि इसी साल जनवरी के महीने में अनुराधा को जमानत मिली थी। कहा जा रहा है कि जमानत मिलने के बाद एक बार फिर रंगदारी मांगने जैसे अपराधों में उसका नाम सामने आया था।