Gyandev Ahuja Controversial Statement: राजस्थान के अलवर में मॉब लिंचिंग की घटना पर जमकर सियासत हो रही है। मामला अलवर के चिरंजी लाल की मौत से जुड़ा है, जिसको लेकर भाजपा लगातार गहलोत सरकार पर हमलावर है। वहीं, इस घटना के विरोध के दौरान अपने बयानों के चलते चर्चा में बने रहने वाले ज्ञानदेव आहूजा ने एक और विवादित बयान दे डाला। ज्ञानदेव आहूजा, राजस्थान भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य और पूर्व विधायक हैं।
अलवर मॉब लिंचिंग मामले में भाजपा के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने विवादास्पद बयान दिया है। ज्ञानदेव ने कहा कि इन्होंने मारा, हमने 5 मारे। एक वायरल वीडियो में लिंचिंग के सीधे संदर्भ में रकबर खान और पहलू खान का जिक्र करते हुए उन घटनाओं के बारे में बात की। बता दें कि, यह दोनों हत्याएं साल 2017 और 2018 में रामगढ़ में हुई, जहां से ज्ञानदेव आहूजा विधायक थे और उस वक़्त प्रदेश में भाजपा सरकार थी।
भाजपा के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा का वीडियो शेयर करते हुए राजस्थान कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, “भाजपा के धार्मिक आतंक और कट्टरता का और क्या सबूत चाहिए? भाजपा का असली चेहरा सामने आ गया है।” डोटसारा ने कहा वीडियो में बोले गए ये शब्द राजस्थान भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य और पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा के हैं।
‘तुम मारो, बरी भी करवा देंगे’
बीजेपी के पूर्व विधायक ने कहा कि ये पहली बार हुआ है कि उन लोगों ने मारा है। अब तक तो पांच हमने मारे हैं। चाहे वह लालवंडी में हो या बहरोड़ में…मैंने हमारे लोगों को और कार्यकर्ताओं को बड़ी बड़ी छूट दे रखी है। तुम मारो, बरी भी करवा देंगे, जमानत भी करवा देंगे। आंदोलन चलाने वाले चलाते हैं, आंदोलन की कूटनीति तैयार करनी पड़ती है। पहलू खान की हत्या के सभी छह आरोपियों को 2019 में बरी कर दिया गया था लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार की एक अपील के कारण मामला अभी हाई कोर्ट में लंबित है। जबकि रकबर खान की हत्या के मामले में अभी स्थानीय अदालत में मुकदमा चल रहा है।
हालांकि, भाजपा के अलवर दक्षिण प्रमुख संजय सिंह नरुका ने आहूजा के बयान से पल्ला झाड़ते हुए न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, “पार्टी की यह सोच नहीं है। यह उनके अपने विचार हैं।” वहीं, आहूजा ने सफाई देते हुए कहा ” मेरे बयान का गलत अर्थ न निकालें। गाय की तस्करी और वध में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने कहा कि “मैंने कहा था कि गायों की तस्करी करने वाले पांच मुसलमानों को हमारे कार्यकर्ताओं ने पीटा था। जबकि चिरंजीलाल ने कोई गुनाह नहीं किया था। फिर भी उसे पीट-पीटकर मार डाला गया।”