पंजाब जेल विभाग ने अपनी एक नई पहल में अच्छे आचरण वाले कैदियों को अपने जीवनसाथी के साथ एक कमरे में दो घंटे तक समय बिताने की अनुमति दी है। इस व्यवस्था में कैदी पति या पत्नी से शारीरिक संबंध बना सकेंगे, जिसके लिए विशेष कमरों का निर्माण किया गया है। पंजाब की जेलों में कैदियों की लिए नई व्यवस्था तरनतारन में गोइंदवाल साहिब सेंट्रल जेल, नाभा की नई जिला जेल और बठिंडा की महिला जेल में शुरू की गई थी, अब यह 17 जेलों में लागू है।

जेल में ऐसी सुविधा वाला पंजाब देश का पहला राज्य

पंजाब के जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने इस साल 15 सितंबर को लुधियाना सेंट्रल जेल से ‘पारिवारिक मुलाकात योजना’ का उद्घाटन किया था। सरकार की इस पहल के तहत कैदी जेल के अंदर बने विशेष कमरों में अपने प्रियजनों से व्यक्तिगत रूप से मिल सकते हैं। इस सुविधा के बाद पहले ही हफ्ते में 300 से ज्यादा आवेदन आए थे। जेल में ऐसी सुविधा वाला पंजाब देश का पहला राज्य है।

पंजाब की 17 जेलों में लागू है यह सुविधा

पंजाब के विशेष पुलिस महानिदेशक (कारागार) हरप्रीत सिंह सिद्धू के मुताबिक, इस शुरुआत के बाद कैदियों में एक अलग तरह की खुशी है, आने वाले समय में हम यह सुविधा राज्य की अन्य जेलों में भी शुरू करेंगे। सिद्धू ने कहा कि पूरे पंजाब में 26 जेल हैं, अभी यह सुविधा केवल 17 जेलों में है। इनमें से दस केंद्रीय जेल, छह जिला जेल, पांच उप जेल, दो महिला जेल और एक बोरस्टल, खुली और हाई सिक्योरिटी जेल है।

वंश बढ़ाने के लिए शारीरिक संबंध की भी अनुमति

जेल विभाग ने पारिवारिक मुलाकात के साथ विवाहिता मुलाकात योजना की भी शुरुआत की है, जिसमें अब कैदी न केवल जेल में अपनी पत्नी से मिल सकेंगे बल्कि उसके साथ अलग कमरे में समय भी गुजार सकेंगे। इसकी शुरुआत गोइंदवाल केंद्रीय जेल से हुई है, जहां अच्छे आचरण वाले कैदियों को पत्नी से मिलने का मौका मिल रहा है। उन्हें पत्नी के साथ अलग कमरे में शारीरिक संबंध बनाने की भी अनुमति दी गई है।

कई महिलाएं पहुंची थी कोर्ट

यह योजना लंबी जद्दोजहद और विचार-विमर्श के साथ पंजाब सरकार द्वारा लाई गई है जिसमें कोई पुरुष कैदी या महिला कैदी, संतान पैदा करने के लिए कुछ समय अपनी पत्नी या पति के साथ गुजार सके। इसके पीछे के कारण अदालतों में दर्ज वे मामलें हैं, जिनमें महिलाओं द्वारा कहा गया था कि वह अपने पति से जेल में संबंध बनाना चाहती है ताकि वह अपना वंश बढ़ा सके।

यह कैदी इस सुविधा के हकदार नहीं

पंजाब की जेलों में इस योजना की शुरुआत विदेश की जेलों में मिलने वाली व्यवस्था की तर्ज पर हुआ है। जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, फिलिपींस, कनाडा और सऊदी अरब समेत कई देशों में यह सुविधाएं पहले से ही उपलब्ध है। हालांकि, कट्टर अपराधियों, गैंगस्टर एक्ट, आतंकवादियों और एचआईवी जैसी गंभीर संक्रामक बीमारियों से पीड़ित कैदियों को अभी तक इस पहल के दायरे से बाहर रखा गया है।

मुलाकात की ऐसी है प्रक्रिया

जेल विभाग की इस व्यवस्था का लाभ लेने के लिए भी एक पूरी प्रक्रिया है, जिसके तहत कैदी को संबंधित जेल अधीक्षक को एक पत्र लिखकर मांग रखनी होगी, फिर शादी और मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करने होंगे। पूरी प्रक्रिया में जेल संबंधित अधिकारी/पुलिस विभाग नियमानुसार फैसला लेंगे और अनुमति मिलने पर पति-पत्नी को कुछ समय साथ गुजारने की अनुमति दी जाएगी।