Prayagraj Crime News: प्रयागराज में एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति (Vice-Chancellor) और एक प्रशासनिक अधिकारी पर धर्मांतरण विरोधी कानून (Anti-Conversion Law) के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं, विश्वविद्यालय द्वारा संचालित एक स्कूल के पर्यवेक्षक (Supervisor) पर 44 वर्षीय पूर्व महिला कर्मचारी की शिकायत के बाद यौन उत्पीड़न (Sexual Assault) का मामला दर्ज किया गया है।

पूर्व कर्मचारी महिला और उनकी नाबालिग बेटियों के यौन उत्पीड़न की कोशिश

शिकायत करने वाली महिला ने आरोप लगाया है कि जिस स्कूल में वह पहले काम करती थी, उसके सुपरवाइजर और तीन अनजान लोग 22 अगस्त को नशे की हालत में उसके घर आए और उसके और उसकी नाबालिग बेटियों के साथ यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की, क्योंकि वह धर्म बदलवाने के दबाव का विरोध कर रही थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक विश्वविद्यालय के कुलपति दूसरे धर्म वाले लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित होने के लिए मनाने में ऐसे एजेंट की मदद करते हैं।

2011 में हिंदू से ईसाई बनने पर महिला और उसके पति को नौकरी और मकान दिया

जिस पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है उसके प्रभारी ने कहा कि महिला और उसके पति ने कुलपति द्वारा भेजे गए पादरियों द्वारा विश्वविद्यालय में नौकरी और एक घर का वादा किए जाने के बाद 2011 में हिंदू धर्म से ईसाई धर्म अपना लिया था। पुलिस अधिकारी ने कहा, “धर्मांतरण के बाद महिला और उसके पति को विश्वविद्यालय द्वारा संचालित एक स्कूल में नौकरी दी गई। उन्हें स्कूल परिसर के अंदर एक घर भी दिया गया था। साल 2020 में उनके पति की मृत्यु हो गई। महिला ने अपने पति की मौत के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों को दोषी ठहराया। उसने आरोप लगाया कि अस्वस्थ होने पर भी उनसे लगातार काम कराया गया।”

पति की मौत के बाद महिला पर दूसरों को ईसाई बनाने का दबाव, ठुकराने पर ज्यादती

पुलिस अधिकारी ने कहा, “शिकायत करने वाली महिला के अनुसार, उसके पति की मौत के बाद विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने उस पर दूसरे लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित होने के लिए मनाने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया… जब उसने विरोध किया, तो उसकी नौकरी चली गई और उसे घर खाली करने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने हमें बताया कि उनकी दो बेटियों के नाम भी स्कूल से काट दिए गए हैं।”

सुपरवाइजर और तीन अनजान लोगों पर IPC और Pocso Act की संबंधित धाराओं में केस

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि महिला की शिकायत के आधार पर विश्वविद्यालय के दो शीर्ष अधिकारियों और तीन अज्ञात व्यक्तियों सहित चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि सुपरवाइजर और तीन अनजान व्यक्तियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 452 (चोट, हमला या गलत तरीके से रोकने के लिए घर में अतिक्रमण), 354-बी (महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का उपयोग) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत और यौन अपराधों से बच्चों की रोकथाम अधिनियम (POCSO Act) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

वीसी के खिलाफ उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज

पुलिस अधिकारी ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति और दो अन्य पर उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। जरूरी होने पर आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।

SDM Jyoti Maurya जैसा Prayagraj में निकला एक और मामला, सिपाही बनते ही पति का छोड़ा साथ ! Video