Pune Crime News: पुणे मुख्यालय वाली दक्षिणी कमान की सैन्य खुफिया (Military Intelligence) इकाई के इनपुट के आधार पर संयुक्त अभियान में अहमदनगर जिला पुलिस ने एक 35 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वह खुद को देश की विदेशी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) का अधिकारी बता रहा था। फर्जी रॉ अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने जांच तेज कर दी है।
अहमदनगर में कई संवेदनशील रक्षा प्रतिष्ठान, मिलिट्री इंटेलीजेंस यूनिट सक्रिय
पुलिस अधिकारी अब इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या यह बहुरुपिया किसी संवेदनशील प्रतिष्ठान तक पहुंचने की कोशिश कर रहा था या नौकरी दिलाने के बहाने फर्जी पहचान का उपयोग करके लोगों को धोखा देने में शामिल था। मिलिट्री इंटेलीजेंस यूनिट के अधिकारी एक इनपुट पर काम कर रहे थे कि एक संदिग्ध खुद को रॉ अधिकारी बताकर अहमदनगर में घूम रहा है। वहां कई संवेदनशील रक्षा प्रतिष्ठान हैं। इनमें आर्म्ड कॉर्प्स सेंटर और स्कूल, मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री सेंटर और स्कूल और वाहन अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान शामिल हैं।
अहमदनगर में देर शाम Crime Branch और MI का संयुक्त अभियान
अहमदनगर शहर के सवेदी इलाके में प्रोफेसर चौक के पास गुरुवार रात करीब 8.30 बजे एक संयुक्त ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। अहमदनगर पुलिस की स्थानीय अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) के अधिकारियों और मिलिट्री इंटेलीजेंस (एमआई) के अधिकारियों की एक टीम ने एक संदिग्ध शख्स पर ध्यान केंद्रित किया। शुरुआती पूछताछ के बाद पुलिस अधिकारियों ने उस शख्स को हिरासत में ले लिया और उसकी तलाशी ली।
संदिग्ध के पास मिला आधार, वोटर कार्ड और रॉ का फर्जी पहचान पत्र
संदिग्ध शख्स की तलाशी के दौरान अधिकारियों को संतोष राठौड़ नाम, संगठन का नाम रिसर्च एंड एनालिसिस विंग और उसका पदनाम उप सचिव (आंतरिक सुरक्षा) लिखा हुआ एक जाली पहचान पत्र मिला। कार्ड पर ‘जारीकर्ता’ प्राधिकारी के हस्ताक्षर थे। संदिग्ध के कब्जे से जब्त आधार कार्ड और एक मतदाता पहचान पत्र के आधार पर पुलिस ने उसकी पहचान अहमदनगर जिले के शेवगांव तालुका के दिवटे गांव के निवासी 35 साल के संतोष आत्माराम राठौड़ के रूप में की है।
असलियत में बेरोजगार है खुद को रॉ अधिकारी बताने वाला संतोष राठौड़
अधिकारियों ने कहा कि संतोष राठौड़ बेरोजगार है और माना जाता है कि उसने कई लोगों के सामने खुद को रॉ अधिकारी के रूप में पेश किया था। जानकारी के मुताबिक राठौड़ ने अपने फर्जी पदनाम का उपयोग करके सरकारी संगठनों में नौकरी देने के बहाने कुछ युवाओं को धोखा दिया है। मामले की जांच कर रहे अहमदनगर पुलिस अपराध शाखा के एक अधिकारी ने कहा, “हम जांच कर रहे हैं कि क्या वह अपनी फर्जी पहचान का उपयोग करके अहमदनगर और उसके बाहर संवेदनशील प्रतिष्ठानों तक पहुंच हासिल करने की कोशिश कर रहा था।”
पुणे, अहमदनगर, नासिक में पुलिस ने की मिलते-जुलते मामलों की जांच
संतोष राठौड़ पर जालसाजी, धोखाधड़ी के लिए जालसाजी, लोक सेवक के रूप में खुद को पेश करने, लोक सेवक के रूप में पोशाक पहनने और टोकन ले जाने से संबंधित भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। सैन्य खुफिया जानकारी के बाद पुणे, अहमदनगर, नासिक में पुलिस क्षेत्राधिकारों द्वारा पिछले कुछ वर्षों में सेना और रक्षा कर्मियों के रूप में धोखाधड़ी करने वालों से बड़ी संख्या में जुड़े मामलों की जांच की गई।
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पुणे के आसपास नकली सेना के अधिकारी और जवान से जुड़ी कई गिरफ्तारी
इन मामलों में खुद को सेना अधिकारी या कर्मी बताकर सेना की वर्दी पहनकर तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले धोखेबाजों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से कई मामलों में संदिग्धों को रक्षा नौकरियां दिलाने में मदद करने के बहाने युवाओं से पैसे लेते हुए पाया गया। जांचकर्ताओं ने कुछ मामलों में पहचान पत्र, नियुक्ति पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र, सेवा प्रमाण पत्र यहां तक कि कर कटौती प्रमाण पत्र, सेना अधिकारियों के रूप में संदिग्धों की पहचान करने वाले बैंक दस्तावेजों के साथ-साथ सेना प्रतिष्ठानों के नकली मुहर और लेटरहेड जैसे जाली दस्तावेज भी बरामद किए हैं।