दिवंगत फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी के परिवार के सदस्यों ने तालिबान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत (आईसीसी) में शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत में तालिबान के छह नेताओं/उच्च स्तरीय कमांडरों का जिक्र है और कहा गया है कि अफगानिस्तान के स्पिन बोल्डक में की गई दानिश की हत्या की जांच की जानी चाहिए।

पुलित्जर विजेता फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी के माता-पिता प्रो. अख्तर सिद्दीकी और शाहिदा सिद्दीकी ने अपने बेटे की हत्या की जांच के लिए आईसीसी अभियोजक से संपर्क किया। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उनके बेटे की हत्या युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध दोनों ही है।

अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत में दी गई शिकायत में दानिश के परिवार ने कहा कि, पिछले साल वह रॉयटर्स के लिए एक असाइनमेंट पर अफगानिस्तान गए थे। जहां 16 जुलाई को अफगानिस्तान के स्पिन बोल्डक में हमला किया गया था। दानिश के परिवार ने कहा कि उन्हें और अन्य अफगान कमांडो को इलाज के लिए पास की एक मस्जिद में ले जाया गया, लेकिन तालिबान ने उन्हें अवैध रूप से हिरासत में ले लिया था। परिजनों ने शिकायत में बताया कि तालिबान ने हिरासत में लिए जाने के बाद दानिश को प्रताड़ित किया और मार डाला।

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मां शाहिदा ने कहा है कि “हमारे प्यारे बेटे दानिश की तालिबान ने सिर्फ पत्रकारिता के कर्तव्यों को पूरा करने के लिए हत्या कर दी थी।” वहीं, परिवार द्वारा सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में, उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी शिकायत में छह अधिकारियों का नाम लिया है। इस शिकायत में तालिबान के सर्वोच्च कमांडर, तालिबान नेतृत्व परिषद के प्रमुख, मुख्य प्रवक्ता, तालिबान में रक्षा मंत्री, कंधार प्रांत के गवर्नर और तालिबान प्रवक्ता का नाम शामिल है।

दानिश सिद्दीकी के परिवार का अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत में प्रतिनिधित्व करने वाले वकील अवि सिंह ने अपने बयान में कहा कि तालिबान ने दानिश को निशाना बनाया और मार डाला क्योंकि वह एक पत्रकार और एक भारतीय था। यह एक अंतरराष्ट्रीय अपराध है। अफगानिस्तान में कानून का अभाव है और आईसीसी के पास दानिश की हत्या के अपराधियों की जांच करने और उन पर मुकदमा चलाने का अधिकार है। सिंह ने आगे कहा कि, हमने सिर्फ तालिबान के स्थानीय कमांडरों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि उनके नेतृत्व के खिलाफ भी जांच की मांग की है।