त्योहारों का मौसम शुरू होते ही देश में रेल टिकटों की डिमांड बढ़ जाती है जिसका सीधा फायदा दलालों को मिलता है। दलालों से टिकट लेना भी खतरों से खाली नही है यदि पकड़े जाते है तो टिकट भी सीज होगा और पैसे भी नही मिलेंगे। रेलवे पुलिस बल इस पर संज्ञान लेते हुए, इंटरनेट के जरिए टिकट बुक करने वाले दलालों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। मुंबई के चर्चगेट आरपीएफ ने कालबादेवी के भुलेश्वर इलाके से एक ऐसे ही बुकिंग एजेंट को गिरफ्तार किया है। जो सॉफ्टवेयर की मदद से टिकट बुक कर रहा था।

टिकट बुकिंग के दौरान आईआरसीटीसी की सर्वर में प्रवेश कर, लाइन को हैक करने का तरीका पुराना है। इसके लिए दलाल समय के अनुसार अडवांड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। आजकल बाजार में ‘रेड मिर्ची’ चलन में है। भुलेश्वर से दूसरी फोफलवाड़ी में रामकृष्णा ट्रैवल्स से सुरजीत खुतिया आईआरसीटीसी का अधिकृत एजेंट है, लेकिन कुछ यात्रियों की टिकट बुक करने के लिए उसने अपने पर्सनल आईडी पर सॉफ्टवेयर की मदद ली । एजेंट की आईडी पर तत्काल टिकट बुकिंग के लिए समय सीमा प्रतिबंध होता है।

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चर्चगेट आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि एजेंट से 62 ई-टिकट जब्त हुए हैं, जिनकी किमत 1 लाख 68 हजार रुपये हैं। इसके अलावा टिकट बुक करने का सारा सामान जब्त कर लिया गया है। ये छापेमारी शुक्रवार को की गई थी।

कुछ सेकंड्स का होता है खेल: आईआरसीटीसी के साईट से जब सामान्य आदमी टिकट बुक करने कोशिश करता है तो अक्सर इंटरनेट पर वेटिंग दिखती है। इसी वेटिंग पीरियड के दौरान सॉफ्टवेयर की मदद से आईआरसीटीसी के सर्वर को कैप्चर कर लिया जाता है। जिससे असानी से टिकट बुक कर लेते है और दलाल यात्री के डिमांड के हिसाब से महंगे दामों में टिकट बेचता है ।