मुजफ्फरनगर में कुछ दिन पहले एक व्यक्ति के कब्जे से चार टाइम बम बरामद किए गए थे। बम का कथित तौर पर ऑर्डर देने के आरोप में रविवार को एक बुजुर्ग महिला को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ के दौरान शामली की 60 वर्षीय इमराना बेगम नाम की महिला ने पुलिस को बताया कि 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान उसके घर में आग लगा दी गई थी। ऐसे में भविष्य में कोई सांप्रदायिक हिंसा भड़कने की स्थिति में वह सुरक्षा के लिए बम को घर में रखी थी।
25 वर्षीय जावेद ने कथित तौर पर यूट्यूब वीडियो देखने के बाद टाइमर के साथ बमों को इकट्ठा किया था। उसे यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गुरुवार रात मुजफ्फरनगर में काली नदी के पास से पकड़ लिया। रविवार को एसटीएफ की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इमराना ने दावा किया है कि 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के दौरान उसे काफी नुकसान हुआ था।
पुलिस के बयान में कहा गया, “मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान अपने घर को खत्म जाने से महिला गुस्से में थी। वह हाल ही में जावेद से मिली थी, जो उसके एक परिचित का बेटा था, और उसे पता चला कि वह विस्फोटक बनाने में शामिल है। उसके बाद महिला को विचार आया कुछ बम उसे अपने घर में रखने चाहिए जिनका उपयोग भविष्य में किसी भी हिंसा की स्थिति में किया जा सकता है।”
एसटीएफ अधिकारियों के अनुसार इमराना ने इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) तैयार करने के लिए जावेद को 10,000 रुपये पहले दिए थे और डिलीवरी पर 40,000 रुपये और देने पर सहमति जताई थी। जावेद को तब गिरफ्तार किया गया जब वह इमराना को आईईडी पहुंचाने आया था। इमराना पर आईपीसी की धारा 286 (विस्फोटक पदार्थ के लिए लापरवाहीपूर्ण आचरण) और विस्फोटक अधिनियम की धारा 4/5 के तहत आरोप लगाया गया है और उसे जेल भेज दिया गया है।
मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि आगे की पूछताछ के लिए उसे पुलिस हिरासत में लिए जा सकता है। उन्होंने कहा कि टाइम-बम की तैयारी के पीछे के मकसद के बारे में कुछ भी कहने से पहले बहुत सारे तथ्यों की जांच करने की आवश्यकता है।