Haryana Nuh Violence: हरियाणा पुलिस ने नूंह हिंसा के दो आरोपियों का एनकाउंटर किया है। पुलिस ने एक आरोपी के पैर में गोली मारी है। वह भागने की फिराक में था। फिलहाल घायल आरोपी को अस्पताल में भर्ती किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने हिंसा के दो आरोपी मुनसैद और सैकूल को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें गिरफ्तार करने के लिए ही पुलिस को एनकाउंटर करना पड़ा। जानकारी के अनुसार, सैकुल के पैर में गोली लगी है। उसका इलाज जारी है।
कैसे हुई हिंसा की शुरुआत
गौरतलब है कि हरियाणा के मेवात-नूंह में 31 जुलाई को बृजमंडल यात्रा निकाली गई थी। इस यात्रा पर पथराव शुरू हो गया। देखते ही देखते दो समुदायों के लोगों में हिंसा फैल गई। इस दौरान कई कारों को आग के हवाले कर दिया गया। साइबर थाने पर भी हमला हुआ। इस दौरान पुलिसकर्मियों को भी नहीं बख्शा गया। नूंह के बाद सोहना में भी हिंसा शुरू हो गई। यहां पर भी पथराव होने लगा। गाड़ियां जला दी गईं। इस हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई। इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।
हालांकि हालात पर काबू पा लिया गया। इसके बाद बुलडोजर की कार्रवाई हुई। पुलिस ने तावडू रोहिंग्याओं और अवैध घुसपैठियों के अवैध कब्जे पर बुलडोजर चलाया। उस होटल को भी गिरा दिया गया जहां से पथराव हुआ था। जांच में सामने आया है कि ये लोग हिंसा में शामिल थे। हालांकि बाद में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी।
नूंह में हुई हिंसा मोनू मानेसर से कनेक्शन?
रिपोर्ट के अनुसार मोनू मानेसर के एक वीडियो के बाद हिंसा भड़क गई थी। असल में हिंसा से दो दिन पहले मोनू मानेसर ने कहा था कि नूंह से जो वीएचपी की यात्रा निकलने वाली है, उसमें वे भी शामिल होंगे। उस एक वीडियो के बाद दूसरे समुदाय के लोगों की तरफ से भी भड़काऊ पोस्ट शेयर किए गए। नतीजा ये निकला कि जिस दिन यात्रा शुरू हुई वहां पर जमकर हिंसा हुई। पथराव हुआ और 6 लोगों की मौत हो गई।
अभी तक नूंह हिंसा मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। आगे की जांच जारी है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां होती दिख सकती हैं। हालांकि, मोनू का कहना था कि वह सोमवार को बृजमंडल यात्रा में मौजूद नहीं था। उसने कोई हेट स्पीच नहीं दी है, जिसकी वजह से हिंसा भड़क सके।