दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में कई गैंगस्टर हैं, जो अपने-अपने इलाकों में जुर्म को अंजाम देते हैं। लेकिन विक्रम गुर्जर उर्फ पपला खौफ का दूसरा नाम हुआ करता था। हालांकि अब वह सलाखों के पीछे अपने किए अपराधों की सजा भुगत रहा है। पपला गुर्जर का नाम बीते साल 28 जनवरी को तब चर्चा में आया, जब उसे महाराष्ट्र के कोल्हापुर से गिरफ्तार कर लिया गया था।

सेना में भेजना चाहते थे पिता: विक्रम गुर्जर उर्फ पपला का जन्म हरियाणा के महेंद्रगढ़ के खरौली गांव में हुआ था। सेना में गए गांव के लड़कों को देखकर पपला के पिता चाहते थे कि उसका भी बेटा सेना में जाए। पिता की चाहत को पूरा करने के लिए पपला ने स्कूलिंग ख़त्म की और फ़ौज में भर्ती होने की तैयारी करने लगा। इसी बीच उसे पहलवानी का शौक लगा तो गांव में कुश्ती सिखाने वाले शक्ति सिंह के पास गया। पपला अब तैयारी भी करता और पहलवानी भी सीखता।

पपला का पहला अपराध: शक्ति सिंह के मार्गदर्शन में कुश्ती सीखने वाले पपला ने इसी बीच एक प्रेम-प्रसंग के मामले में एक संदीप फ़ौजी नाम के शख्स को पीट दिया। दरअसल, संदीप नाम का शख्स विवाहित था और उसके गांव के ही एक लड़की से अफेयर चल रहा था। पंचायत ने संदीप को लड़की से मिलने के लिए मना किया था, लेकिन जब वह नहीं माना तो पपला ने शक्ति सिंह और अपने साथियों के साथ उसे खूब पीटा। लेकिन इस मारपीट के कुछ दिन बाद ही शक्ति सिंह की हत्या कर दी गई।

गुरु की हत्या और जुर्म की दुनिया में दस्तक: शक्ति सिंह को गुरु मानने वाले पपला को इस घटना से काफी दुःख पहुंचा। थोड़े ही दिन बाद साल 2014 में संदीप फ़ौजी, फ़ौजी की मां, मामा और नाना की हत्या कर दी गई और आरोप पपला और उसके साथियों पर लगा। उसे एक बार अवैध हथियारों के साथ भी 2016 में पकड़ा गया था और हत्याकांड के चलते भी जेल में बंद रहा था। लेकिन 2017 में 8 सितंबर को पेशी में ले जाने के दौरान पुलिस कस्टडी से फरार हो गया। अब पपला पर पांच लाख का इनाम और मोस्टवांटेड अपराधी का ठप्पा था।

बहरोड़ थाने में पपला का आतंक: फरार पपला साल 2019 में एक नेता जयराम गुर्जर की हत्या का बदला लेने राजस्थान के अलवर के बहरोड़ पहुंचा था, इस नेता को 2018 में मार दिया गया था। पुलिस को खबर लगी तो पपला को धर दबोचा, लेकिन कहानी अभी बाकी थी। गिरफ्तारी के कुछ घंटो बाद ही पपला की गैंग ने एके-47 जैसे हथियारों से लैस होकर बहरोड़ थाने पर हमला बोल दिया। थोड़े ही देर में लॉकअप तोड़कर पपला गुर्गों संग फरार हो गया।

कोल्हापुर में 27 जनवरी की रात: बहरोड़ थाने में आतंक मचाने के बाद दो साल तक पपला गायब रहा। वहीं दूसरी तरफ पुलिस पपला को जगह-जगह दूंढ रही थी। पुलिस को इनपुट मिला कि पपला कोल्हापुर में है और फिर 27 जनवरी की रात पपला को उसकी गर्लफ्रेंड के साथ गिरफ्तार कर लिया। बाद में पता चला कि वह यहां उदल सिंह के नाम से रह रहा था, जबकि अपनी प्रेमिका जिया को उसने अपना नाम मान सिंह बताया हुआ था।

28 जनवरी 2021 को पुलिस पपला को गिरफ्तार करके जयपुर ले आई और हाई सिक्योरिटी से लैस अजमेर जेल में बंद कर दिया। उस वक्त पपला को लेकर पुलिस इतनी चुस्ती बरत रही थी कि जेल के ऊपर ड्रोन से निगरानी की जा रही थी। वहीं बीते ही साल पपला गुर्जर को 2014 के हत्याकांड के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। लेकिन पपला का आपराधिक जीवन जैसे एक प्रेम-प्रसंग के कारण शुरू हुआ, उसी तरह वह इश्क के चक्कर में ही सलाखों के पीछे चला गया।