मुंबई क्रूज ड्रग्स केस मामले में आर्यन खान की जमानत ऑर्डर अब सामने आ गई है। जिसमें हाईकोर्ट ने एनसीबी की थ्योरी को दरकिनार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि व्हाट्सएप पर हुई बातचीत में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया गया।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शनिवार को जारी एक आदेश में कहा कि आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा के बीच नशीली दवाओं से संबंधित अपराध करने की साजिश के कोई सबूत नहीं हैं। 14 पन्नों के आदेश में जस्टिस नितिन सांबरे ने कहा है कि आर्यन खान और दो अन्य सह-आरोपी अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस एक्ट) के तहत साजिश के अपराध के लिए कोई प्रथम दृष्टया सबूत नहीं था।

आदेश में कहा गया है- “इस न्यायालय को यह समझाने के लिए रिकॉर्ड पर शायद ही कोई सकारात्मक सबूत हैं कि सभी आरोपी व्यक्ति सामान्य इरादे से गैरकानूनी कार्य करने के लिए सहमत हुए। सिर्फ इसलिए कि आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा एक ही क्रूज में पर थे, यह अपने आप में उनके खिलाफ साजिश के आरोप का आधार नहीं हो सकता है”।

उच्च न्यायालय के आदेश में यह भी कहा गया है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जांच अधिकारी द्वारा दर्ज किए गए कथित इकबालिया बयानों पर भरोसा नहीं किया जा सकता, क्योंकि वे बाध्यकारी नहीं हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए आदेश में अदालत ने कहा कि खान के पास से कोई नशीली दवा नहीं मिली, जबकि मर्चेंट और धमेचा से बरामद की गई मात्रा एनडीपीएस अधिनियम के तहत ‘छोटी’ मात्रा थी।

बता दें कि शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को तीन अक्टूबर को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने ड्रग्स के मामले में गिरफ्तार किया था। जिसके बाद जांच अधिकारी समीर वानखेड़े पर कई गंभीर आरोप भी लगे थे। दो बार जमानत खारिज होने के बाद आखिरकार हाईकोर्ट से 28 अक्टूबर को आर्यन को जमानत मिल गई थी। आर्यन के साथ ही सह आरोपी अरबाज मर्चेंट और मॉडल मुनमुन धमेचा को भी जमानत मिल गई थी।