Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के विकास व नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी क्रम में एक नया और निर्णायक अध्याय जोड़ते हुए एक सरकार नई परियोजना का उद्घाटन करने वाली है। राज्य के गढ़चिरौली जिले के हेद्री में 50 लाख टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) कैपेसिटी वाले आयरन ग्राइंडिंग प्लांट के फर्स्ट फेड का उद्घाटन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस 22 जुलाई करेंगे।

नक्सलियों को भी मुख्यधारा में लाना मकसद

इस ग्राइंडिंग प्लांट का निर्माण लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड (एलएमईएल) द्वारा किया गया है। परियोजना का मकसद क्षेत्र के विकास के साथ ही स्थानीय नक्सलियों को भी मुख्यधारा में लाना है। घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में ये परियोजना, सरकारी मदद के साथ-साथ एलएमईएल के अथक और निरंतर प्रयासों से संभव हो पाई है।

बता दें कि आयरन ओर ग्राइंडिंग प्लांट के साथ, 10 एमटीपीए क्षमता वाली स्लरी पाइपलाइन परियोजना का भी उद्घाटन किया जाएगा। यह स्लरी पाइपलाइन महाराष्ट्र की पहली चालू आयरन ओर स्लरी पाइपलाइन होने के कारण विशेष रूप से उल्लेखनीय है। सरकार और एलएमईएल के लगातार कोशिशों के कारण और अनुकूल नीति ने नक्सलियों के सरेंडर और रिहेबिलिटेशन का रास्ता साफ किया है ताकि उन्हें हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

नोएडा: पत्नी का किसी और के पास जाकर रहना लगता था बुरा, पति ने पहले शख्स को मार डाला फिर खुद को घोंपने लगा चाकू, रूह कंपाने वाली घटना

यह नीति वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से निपटने की एक व्यापक बहुआयामी रणनीति का हिस्सा है। यह नीति नक्सलियों को वित्तीय सहायता और पुनर्वास पैकेज, कानूनी और सुरक्षा प्रावधानों और मुख्यधारा के समाज में एकीकरण सहित कई प्रकार के समर्थन और प्रोत्साहन प्रदान करती है।

लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड (एलएमईएल) ने पूर्वी महाराष्ट्र में अपनी प्रमुख परिवर्तनकारी परियोजना के माध्यम से, सरेंडर कर चुके नक्सलियों के जीवन में एक सवेरा लाया है। गढ़चिरौली जिले में कंपनी में विभिन्न पदों पर काम कर रहे 65 नक्सलियों को रोजगार देकर, लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड (एलएमईएल) न केवल गढ़चिरौली जिले में पर्यावरण संरक्षण अभियान चला रही है और ‘ग्रीन स्टील’ के भारतीय स्वप्न को साकार करने का प्रयास कर रही है, बल्कि आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों के जीवन में खुशी का स्तर भी बढ़ा रही है।

65 सरेंडर कर रहे नक्सलियों को दिया रोजगार

मौजूदा समय में, 65 आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली/माओवादी एलएमईएल के साथ काम कर रहे हैं। इनमें से 27 प्रशासनिक विभाग में, 29 सिविल/निर्माण विभाग में और 9 यांत्रिक विभाग में कार्यरत हैं। चूंकि उनमें से कई ने अपनी शिक्षा बीच में ही छोड़ दी थी और बहुत कम उम्र में ही नक्सली बन गए थे, इसलिए वे जॉब के लिए क्वालिफाइड नहीं थे लेकिन गढ़चिरौली पुलिस की सिफारिश पर, एलएमईएल ने पहले सरेंडर कर चुके माओवादियों को प्रशिक्षित करने और फिर उन्हें उनके स्किल के अनुरूप नौकरियों में नियुक्त करने का निर्णय लिया। इससे उन्हें जीवन, व्यावसायिकता और गढ़चिरौली के विकास के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण मिला है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली महाराष्ट्र की विकास यात्रा में बदलाव के महत्वपूर्ण वाहक और योगदानकर्ता बन गए हैं।

बी.टेक की पढ़ाई कर रहा था लड़का, 12वीं की छात्रा से हुआ प्यार, यहीं से शुरु हुआ बर्बादी का खेल, आखिर में खुद को कर लिया खत्म

आत्मसमर्पित नक्सलियों में से आधे का विवाह हाल ही में गढ़चिरौली पुलिस के ‘प्रोजेक्ट संजीवनी’ के तहत गढ़चिरौली पुलिस मुख्यालय में संपन्न हुआ। बता दें कि पूरी हो चुकी परियोजनाओं के उद्घाटन के अलावा, मुख्यमंत्री कई परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे – कोंसारी में 4.5 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता का एक एकीकृत इस्पात संयंत्र, 100 बिस्तरों वाला एक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, एक स्कूल और 116 एकड़ में फैली लॉयड्स टाउनशिप।

एलएमईएल के प्रबंध निदेशक श्री बी. प्रभाकरन ने कहा: “22 जुलाई 2025 गढ़चिरौली के साथ-साथ महाराष्ट्र के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होने जा रहा है। आज गढ़चिरौली जिले के कोंसारी में न केवल विदर्भ के पहले एकीकृत स्टील प्लांट की आधारशिला रखी जा रही है, बल्कि इस ऐतिहासिक सपने को हकीकत में बदलने की दिशा में एक कदम भी उठाया जा रहा है। अगर 140 साल पहले सब कुछ सही होता, तो गढ़चिरौली भारतीय स्टील इंडस्ट्री का जन्मस्थान होता।”