मुंबई पुलिस की एक टीम ने रेड सैंड बोआ (Red Sand Boa) सांप के अवैध व्यापार में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार किया है। रेड सैंड बोआ एक रेपटाइल है जिसे अक्सर मेडिसीनल या काले जादू के से लिए इस्तेमाल जाता है। पुलिस ने तस्करों को तब पकड़ा जब उनका एक अधिकारी, एक कस्टमर की वेश में सांप खरीदने के बहाने उनसे संपर्क में आया।
तस्करी की गुप्त सूचना के आधार पर कफ परेड पुलिस स्टेशन के असिस्टेंट इंस्पेक्टर अमित देवकर के नेतृत्व में ऑपरेशन शुरू किया गया था। हेड कांस्टेबल प्रशांत सावंत ने रूपेश जैन नाम के एक गुजराती व्यापारी के रूप में तस्करों से संपर्क किया।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी ने केवल तीन दिनों में भाषा सीखी और आरोपी से संभावित खरीदार के रूप में डील पक्की कर ली। लेन-देन को असली दिखाने के लिए, सावंत ने विक्रेताओं के साथ दो बार मोलभाव भी की।
हालांकि, जब आरोपी सांप लेकर पहुंचे, जिसकी कीमत बाजार में 30 लाख रुपये थी, तो पुलिस ने अपनी योजना के अनुसार चार तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारी अब एक अन्य संदिग्ध माइकल की तलाश कर रहे हैं, जिसने बिचौलिए के रूप में काम किया और तेलंगाना के विक्रेताओं को मुंबई के खरीदारों से कनेक्ट किया।
गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान नरसिम्हा धोती, शिव मल्लेश अधप, रवि भोईर और अरविंद गुप्ता के रूप में हुई है, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
असिस्टेंट इंस्पेक्टर अमित देवकर ने कहा, “सांप को अर्टिगा कार की डिक्की के अंदर एक बैग में रखा गया था, जिसे हमने जब्त कर लिया है। बचाए गए रेपटाइल को जीवित पाया गया और ठाणे वन विभाग को सौंप दिया गया। हालांकि, जब हमने उसे रेस्क्यू किया तो वह खराब स्थिति में था। आरोपी ने इसका वजन बढ़ाने और अधिक कीमत मांगने के लिए इसमें नशीले पदार्थ का इंजेक्शन लगाया था।”
पुलिस की मानें तो शुरू में तस्करों ने सांप का वजन 4,300 ग्राम बताया था। लेकिन बिक्री के दिन, आरोपी ने अधिक कीमत मांगने के लिए इसका वजन पांच किलो तक बढ़ा दिया और 5 करोड़ रुपये की मांग की।
बचाए गए सांप को रिहैबिलिटेशन के लिए ठाणे वन विभाग में ले जाया गया है। सभी पांच संदिग्धों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं और आगे की जांच चल रही है।