आज जिस महिला गैंगस्टर की क्राइम कुंडली हम आपको बताने जा रहे हैं उसके बारे में सबसे पहले हम आपको बता दें कि उसने अंडरवर्ल्ड के डॉन दाउद इब्राहिम को मार डालने की कसम तक खाई थी। जी हां, हम बात कर रहे हैं अशऱफा खान। एक वक्त था जब अशरफा खान को जुर्म की दुनिया में ‘सपना दीदी’ के नाम से जाना जाता था। अशरफा खान का जन्म कब हुआ इसके बारे में पुख्ता जानकारी मौजूद नहीं है। बताया जाता है कि अशरफा खान एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती थी और उसने महमूद कालिया नाम के एक युवक से शादी रचाई थी। महमूद कालिया अंडरवर्ल्ड के सबसे बड़े डॉन दाउद इब्राहिम के लिए काम करता था। बरसों तक महमूद ने दाउद के लिए कई जुर्म किये। हालांकि दाउद इसके बदले में महमूद को पैसे दिया करता था। शादी के बाद कभी भी अशरफा ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि उसका पति कहां और किसके लिए काम करता है। बताया जाता है कि 5 साल तक इस कपल की जिंदगी आराम से कटती रही।

अशरफा की जिंदगी में भूचाल उस वक्त आया जब दुबई से वापस आते वक्त मुंबई एयरपोर्ट पर पुलिस ने महमूद कालिया का एनकाउंटर कर दिया। पति की मौत से अशरफा खान बेचैन हो उठी। उस्मान नाम के एक शख्स ने अशरफा को बताया कि दाउद इब्राहिम ने ही उसके पति की हत्या करवाई है। अशरफा को पता चला कि उसका पति दाउद के लिए काम करता था और जब उसने डॉन के लिए काम करने से मना किया तब उसकी हत्या करवा दी गई।

अशरफा बन गई ‘सपना दीदी’

बस यहीं से शुरू हुई अशऱफा खान के ‘सपना दीदी’ बनने की कहानी। अशरफा खान ने दाउद को मौत के घाट उतारने की कसम खाई। उस्मान से सपना दीदी ने गैंगस्टर बनने की ट्रेनिंग ली। इस दौरान हथियार चलाने और सेल्फ डिफेंस के कई गुर सपना दीदी ने उस्मान से ही सीखे। उस वक्त मुंबई में दाउद का सबसे बड़ा दुश्मन अरुण गवली हुआ करता था। अशरफा खान ने अरुण गवली से मिलकर दाउद को खत्म करने के लिए मदद मांगी। लेकिन अरुण गवली ने अशरफा को इनकार कर दिया। इसके बाद अशऱफा खान ने सबसे पहले अपना नाम बदल कर ‘सपना दीदी’ रख लिया और जुर्म के रास्ते पर चल पड़ी।

दाउद के गुर्गों को मरवा दिया

सपना दीदी कई गैर कानूनी धंधों में लिप्त हो गई। इस दौरान वो पुलिस को दाउद के गुर्गों के बारे में जानकारी भी देने लगी। सपना की जानकारी पर दाउद के कई गुर्गे या तो पकड़े गए या फिर मारे गए। दाउद के जुएं के कारोबार को भी सपना दीदी ने काफी हद तक बंद करवा दिया। हालांकि उस वक्त तक खुद सपना दीदी भी मुंबई पुलिस के निशाने पर आ गई थी और पुलिस ने कई बार उससे सरेंडर करने के लिए भी कहा। लेकिन सपना दीदी ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण से इनकार कर दिया।

दाउद ने करा दी हत्या

कहा जाता है कि दाउद से बदला लेने की आग में जल रही सपना दीदी उसे मारने के लिए शारजहां पहुंच गई। यहां सपना ने अपने कुछ साथियों की मदद से दाउद को ठिकाने लगाने की पूरी योजना बना ली थी। योजना के मुताबिक दाउद शारजहां में एक क्रिकेट मैच देखने आने वाला था और इसी दौरान उसकी हत्या की तैयारी की गई थी। इत्तिफाक से दाउद को सपना की इस चाल का पहले ही पता चल गया। कहा जाता है कि इसके बाद दाउद ने अपने गुर्गों की मदद से सपना का कत्ल करवा दिया।