मुंबई में दो चेन-स्नैचरों को पकड़ने के लिए पुलिसकर्मी तीन दिन तक जोमैटो डिलीवरी बॉय बनकर घूमते रहे और फिर उन्होंने आखिर में फ़िल्मी अंदाज में आरोपियों को धर दबोचा। इस घटना के बारे में मुंबई पुलिस जोन 12 के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सोमनाथ घरगे ने जानकारी देते हुए बताया कि जुलाई और अगस्त के दौरान कस्तूरबा मार्ग थाने में चेन स्नेचिंग की 3 और बांगुर नगर थाने में 1 वारदात की शिकायत मिली थी।

डीसीपी सोमनाथ घरगे ने बताया कि चेन स्नैचिंग के मामलों में स्थानीय थाने के पुलिसकर्मी ओम तोतावर और राहुल वालुस्कर की टीम ने काम करना शुरू किया। उन्होंने आरोपियों की सटीक पहचान करने के लिए करीब 300 सीसीटीवी फुटेज खंगाले। टीम को एक रेलवे स्टेशन पर खड़ी की गई एक बाइक मिली जिसका इस्तेमाल आरोपी वारदात में करते थे। डीसीपी के मुताबिक, पुलिस को भरोसा था कि आरोपी वह बाइक लेने जरूर आएंगे।

आरोपियों को दबोचने के लिए कस्तूरबा थाने की पुलिस टीम ने जोमैटो डिलीवरी मैन के रूप में कपड़े पहने और लगभग तीन दिनों तक विट्ठलवाड़ी और अंबीवली के पास इंतजार किया। इस दौरान एक आरोपी बाइक लेने उस जगह पहुंचा, जहां पहले से पुलिसकर्मी मौजूद थे। पुलिसवालों ने प्लानिंग के मुताबिक बाइक का प्लग हटा दिया था, ताकि जब आरोपी आए तो बाइक लेकर भाग न पाए।

पुलिस ने बताया कि इस प्लानिंग के चलते उन्होंने एक आरोपी को दबोच लिया, फिर उसी की निशानदेही पर बाद में उन्होंने एक अन्य संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया। जब उन्हें पकड़ा गया तो उनके पास से दो बाइक और कुछ चोरी की चेन भी मिली। डीसीपी के अनुसार, यह चोर बाकी चोरों से अलग थे। क्योंकि पहले वह वारदात को अंजाम देते फिर भ्रम की स्थिति पैदा करने के लिए अपनी बाइक को अंबीवली पूर्व में पार्क करते थे। डीसीपी ने आगे बताया कि गाड़ी वह अंबीवली ईस्ट में पार्क में करते थे लेकिन जाना उन्हें अंबीवली वेस्ट होता था।

हालांकि, जिस दौरान इन दोनों आरोपियों को पकड़ा गया, उस वक़्त पुलिस टीम को अंबीवली में महिलाओं के गुस्से का सामना भी करना पड़ा, जो आरोपियों को पुलिस से छुड़ाना चाहती थी। गिरफ्तार में लिए गए आरोपियों के पहचान जफर यूसुफ जाफरी और फिरोज नासिर शेख के रूप में हुई है। ये दोनों शहर के विट्ठलवाड़ी और अंबीवली इलाकों के रहने वाले हैं। पुलिस रजिस्टर के मुताबिक यह दोनों 20 से अधिक डकैतियों में शामिल रहे हैं।