देश में अपराधी भी अलग-अलग तरीके से अपराध को अंजाम देते हैं। इनमें से कई पकड़े जाने पर जेल भी जाते हैं लेकिन मुंबई का एक ठग बार-बार जेल जाने से थक गया है। यह बात उसने स्वयं उन पुलिसकर्मियों से कही, जिन्होंने उसे एक ठगी के मामले में गिरफ्तार किया था। दरअसल, 42 वर्षीय ठग रमेश जायसवाल उर्फ रम्या अब तक 50 बार जेल जा चुका है। रमेश को मुंबई की अग्रीपाड़ा पुलिस ने धोखाधड़ी के एक मामले में हाल ही में गिरफ्तार किया था।

मुंबई की अग्रीपाड़ा पुलिस के द्वारा एक धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार रमेश जायसवाल उर्फ रम्या ने कहा कि वह जेल जाने और हर समय पकड़े जाने से थक गया है। इसके बाद उसने पुलिस से दोबारा अपराध न करने का वादा भी किया। पुलिस के मुताबिक ठग रमेश को अब तक करीब 50 बार जेल की सजा हो चुकी है। रमेश इसी मार्च महीने की 2 तारीख को तलोजा जेल से रिहा हुआ था।

जांच अधिकारी एपीआई दत्ता पाटिल ने कहा कि रमेश को एक 56 वर्षीय रियल एस्टेट एजेंट को झांसा देकर उसकी सोने की चेन चुराने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। शिकायतकर्ता ने बताया था कि वह भायखला रेलवे स्टेशन से मदनपुरा में बीएमसी के ई वार्ड कार्यालय की ओर जा रहा था, तभी उसे रमेश ने रोक लिया। इसके बाद रमेश ने उसे अपनी बातों में बहकाकर सोने की चेन की तारीफ की थी। फिर डिजाइन देखने का झांसा देकर चेन चुरा ली।

जब रमेश वहां से चला गया तो शिकायतकर्ता को एहसास हुआ कि उसकी चेन तो गायब है। इसके बाद उसने एफआईआर दर्ज कराई गई थी। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसकी 1.2 लाख रुपये की सोने की चेन खो गई थी। फिर कई टीमों का गठन किया गया और 50 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का विश्लेषण किया गया; जिसमें शिकायतकर्ता ने एक फ्रेम में आरोपी को पहचान लिया था।

एपीआई दत्ता पाटिल के मुताबिक, जांच के अगले क्रम में आरोपी की फोटो पुलिस के ग्रुप में पोस्ट की गई थी। इसी दौरान ग्रुप में एक पुलिसकर्मी ने बताया कि इस आरोपी को शिवाजी पार्क पुलिस ने पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार किया था और वह जेल में था। फिर उसे 2 मार्च को तलोजा जेल से रिहा किया गया था और उसने 8 मार्च को एक वारदात को अंजाम भी दिया था।

पुलिस के मुताबिक, जमानत पर रिहा होने के बाद रमेश ने तीन वारदातों को अंजाम दिया था। इसके बाद अग्रीपाड़ा पुलिस टीम ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान रमेश ने बताया कि वह एक ऐसे गिरोह का सरगना है, जो लोगों को बहकाकर सामान झटक लेते हैं। चौथी कक्षा में पढ़ाई छोड़ने वाले रमेश की दो पत्नियां और चार बच्चे हैं। रमेश ने अपनी रिहाई के लिए कर्ज लिया था और उसे चुकाने के लिए ही अपराध करता था।