3 अगस्त 1991 को थाने से महज 50 मीटर की दूरी पर अवधेश राय की बरेहमी से हत्या कर दी गई थी। दिनदहाड़े हुई इस हत्या से इलाके में सनीसनी फैल गई थी। हत्या दिन में एक बजे हुई थी। अब 31 साल 10 महीने बाद वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाया है। जिसमें मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा हुई है।
कोर्ट ने माना कि मुख्तार अंसारी ने अपने साथियों के साथ मिलकर अवधेश राय की हत्या की थी। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को अवधेश राय हत्याकांड में दोषी माना है।
अवधेश राय कांग्रेस नेता अजय राय के भाई थे
अवधेश राय कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अजय राय के भाई थे। वाराणसी के शहर के चेतगंज में 3 अगस्त 1991 में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अजय राय ने इस घटना का आरोप बाहुबली मुख्तार अंसारी पर लगाया था। माना यह भी जाता है कि मुख्तार अंसारी ने अपने रसूख का फायदा उठाते हुए कोर्ट से केस डायरी ही गायब करवा दी थी। इस मामले में वाराणसी पुलिस ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की थी।
असल में हत्या के सामय कांग्रेस नेता अजय राय अपने भाई अवधेश राय के साथ लहुराबीर इलाके में अपने घऱ के सामने खड़े थे। इसी समय कुछ बदमाश वैन से पहुंचे और उनके ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। बदमाशों ने अवधेश राय को अपना निशाना बनाया था। उन्होंने अवधेश राय को तबतक गोली मारी जब तक वे मर नहीं गए।
इसके बाद अजय राय ने अपने भाई अवधेश राय की हत्या मामले में वाराणसी के चेतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया। अजय राय का कहना था कि उनके भाई की हत्या किसी औऱ ने नहीं बल्कि मुख्तार अंसारी ने की है। इस मामले में पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह और राकेश श्रीवास्तव उर्फ राकेश न्यायिक को भी आरोपी बनाया गया था।
फिलाहाल मुख्तार अंसारी और भीम सिंह जेल में बंद हैं। वहीं पूर्व विधायक अब्दुल कलाम और कमलेश सिंह की मौत हो चुकी है। अब कोर्ट ने अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।