झारखंड में तबरेज अंसारी की हत्या के बाद मॉब लिंचिंग का एक और मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि गोकशी के शक में एक शख्स को पीट-पीटकर मार डाला गया। वहीं, 2 अन्य को अधमरा कर दिया गया। यह घटना झारखंड के खुंटी जिले में रविवार (22 सितंबर) सुबह करीब 10 बजे हुई। पुलिस के मुताबिक, लोगों ने उस वक्त इन तीनों को पीटना शुरू कर दिया, जब वे कथित तौर पर एक जानवर के शव से मांस निकाल रहे थे।
एक ने रास्ते में तोड़ा दम: पुलिस के मुताबिक, तीनों युवकों की पहचान कलंतुस बारला, फिलिप होरो और फागु कछप के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि ये लोग प्रतिबंधित पशु को मारने के लिए ले जा रहे थे। ग्रामीणों ने उन्हें पकड़ लिया और पीटना शुरू कर दिया। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों को अस्पताल ले गई। डीआईजी (छोटनागपुर रेंज) होंकार अमोल वेणुकांत ने बताया कि कलंतुस की हालत गंभीर थी, जिसके चलते उसने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। बाकी दोनों पीड़ितों की हालत स्थिर है।
कई लोग हिरासत में: डीआईजी ने बताया कि फिलहाल घटना के बारे में सटीक जानकारी नहीं मिली है। मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि फिलहाल किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। हालांकि, कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
जून में हुई थी तबरेज अंसारी की हत्या: बता दें कि झारखंड में मॉब लिंचिंग का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले जून 2019 में 22 वर्षीय तबरेज अंसारी नाम के एक युवक को बाइक चोरी के शक में पीट-पीटकर मार डाला गया था। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
अप्रैल में आदिवासी को मार डाला: गौरतलब है कि अप्रैल 2019 में प्रकाश लाकरा नाम के एक ईसाई आदिवासी को बैल की डेडबॉडी ले जाने के आरोप में जमकर पीटा गया था। यह घटना गुमला जिले के झुमरो गांव में हुई थी। इस मामले में झारखंड पुलिस ने पीड़ित को झारखंड बोवाइन पशु वध निषेध अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया था।
सितंबर में हुईं 3 घटनाएं: जानकारी के मुताबिक, झारखंड में सितंबर महीने के दौरान ही मॉब लिंचिंग की 3 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। 11 सितंबर को साहिबगंज जिले में 70 साल के एक बुजुर्ग को बच्चा चोरी के शक में पीट-पीटकर मार डाला गया। वहीं, 3 सितंबर को रामगढ़ जिले में करीब 50 लोगों ने एक शख्स को जमकर धुना। अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई थी। इनके अलावा 6 सितंबर को भी अफवाह के चलते काग्ती पहाड़ी गांव में एक शख्स को पीट-पीटकर मार डाला गया।
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3 साल में 21 लोग बने मॉब लिंचिंग के शिकार: आंकड़ों की मानें तो पिछले 3 साल के दौरान झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में करीब 21 लोग मॉब लिंचिंग की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके अलावा जनवरी 2017 से अब तक 90 से ज्यादा लोग जादू-टोने के शक में मार दिए गए।