राजस्थान में बदमाशों के साथ कुछ पुलिसकर्मी भी अपराध को अपना पेशा बना लिए हैं। ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ सरकार ने सख्ती बरतने का निर्देश दिया है। हाल ही में गोविदगढ़ में तीन पुलिसवालों ने बाइक सवार दो युवकों से 40 हजार रुपए लूट ली थी। घटना में एक बदमाश भी शामिल था। घटना के बाद हंगामा मचने पर पुलिस अधिकारी एक्शन में आए और कार्रवाई शुरू की।

वारदात के बाद जब पीड़ित थाने में शिकायत करने पहुंचा तो आरोप है कि वहां मौजूद एक अन्य पुलिसकर्मी ने उसकी मदद करने के बजाए उस पर समझौता करने का दबाव बनाने लगा। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस के आलाधिकारियों से की तो करीब दो हफ्ते बाद आरोपी चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। आरोपी सभी पुलिसकर्मी अलग-अलग थानों में तैनात थे। बड़ी बात यह है कि लूट के बाद से ये पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी पर भी नहीं आ रहे थे। पीड़ित का कहना है कि आरोपी पुलिसकर्मी पहले से प्लान बनाकर इस काम को अंजाम दिए।

पीड़ित का नाम साहिल है और वह गोविंदगढ़ का रहने वाला है। पिछले 29 जुलाई को वह अपने साले संग बाइक से कहीं जा रहा था। इसी दौरान बगल में आई एक निजी कार में सवार चार लोगों ने बाइक रोकवाकर जबरन उसे कार में बैठा लिया और पास के एक जंगल में ले जाकर उनसे 27 हजार रुपए कैश छीन लिए। इसके बाद धमकाते हुए 13 हजार रुपए पेटीएम के जरिए अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करवा लिए। इसके बाद आरोपी उन्हें जंगल में छोड़कर भाग गए।

पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने बुधवार शाम को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि लूट में अलवर के एनईबी थाने में कार्यरत कांस्टेबल अनीश व गंगाराम और शिवाजी पार्क थाने के कॉन्स्टेबल नरेंद्र शामिल थे। लूट का मुख्य आरोपी राहुल है।

पुलिस में शिकायत आने के बाद कार के नम्बर और पेटीएम से बैंक खाते में ली गई रकम के आधार पर आरोपियों का पता लगा। पहले अज्ञात के खिलाफ मुकदमा था। लेकिन एक दिन पहले ही गोविंदगढ़ थाना पुलिस की जांच में तीन पुलिसकर्मियों का लूट में शामिल होना सामने आया।