उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले से शर्मनाकर खबर सामने आई है, यहां एक नाबालिग लड़के ने 20 साल की युवती से कथित तौर पर दुष्कर्म किया। पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि घटना खुटार थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई।
पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) निष्ठा उपाध्याय के अनुसार, 17 वर्षीय आरोपी नाबालिग उस समय पीड़िता के घर में घुस गया जब वह सो रही थी। उन्होंने आगे बताया कि आरोपी, युवती को जबरन किडनैप कर अपने साथ ले गया और उससे दुष्कर्म किया।
चंगलु से भागी पीड़िता
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी ने यह भी बताया कि पीड़िता भागने में सफल रही और उसने अपने परिवार को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
उन्होंने आगे बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया और पीड़िता को चिकित्सा जांच के लिए भेज दिया गया। अधिकारी ने बताया कि आरोपी फिलहाल फरार है। मामले में आगे की जांच की जा रही है।
जुवेनाइल आरोपी के लिए भारत में बलात्कार की सजा का कानून क्या है?
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट यानी किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015, बच्चों से जुड़े कई मामलों में कानूनी प्रावधान करता है। 16 से 18 साल के किशोरों को रेप और हत्या जैसे जघन्य अपराधों में बालिग माना जाता है। इन पर बालिगों की तरह केस चलाया जाता है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड तय करता है कि नाबालिग आरोपी को बाल सुधार गृह भेजा जाए या उस पर वयस्क की तरह केस चलाया जाए।
अगर अपराध जघन्य है, तो नाबालिग आरोपी के पिता और अभिभावक पर भी केस दर्ज होगा और गिरफ्तारी भी हो सकती है। 18 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ समान रूप से व्यवहार किया जाना चाहिए। जुवेनाइल द्वारा अपराध करने पर अधिकतम तीन साल की सज़ा हो सकती है। सभी चाइल्ड केयर सुविधाओं के लिए पंजीकरण कराना ज़रूरी है। संप्रेक्षण गृहों में ऐसे किशोरों को रखा जाता है जिनके ख़िलाफ़ कोई जांच लंबित है।