शशिकला पाटनकर के बारे में आपको सबसे पहले बता दें कि वो अपने 5 भाइयों में एकलौती थी और सबसे छोटी थी। उसे ‘बेबी’ भी कहा जाता था। मुंबई के वर्ली स्थिति झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाली शशिकला पाटनकर बचपन के दिनों में दूध बेचा करती थी। पैसा कमाने की लालच में बेबी गुनाह की दुनिया में उतरी और उसने ब्राउन शुगर और हशिश बेचना शुरू किया। शुरुआत में वो आसानी से पुलिस के पकड़ में आ जाती थी लेकिन 1980-90 के दशक में उसने अचानक अपना कारोबार बढ़ाया।

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धीरे-धीरे दूध बेचने वाली बेबी की पहचान मुंबई के इलाकों में ड्रग्स डीलर की हो गई। जल्दी ही वो अपने पति रमेश पटानकर से अलग हो गई और अपने बच्चों को साथ अलग घर में रहने लगी। यह वो समय था जब बेबी पर हत्या के आरोप भी लगे थे। साल 1993 में उसके अपने चचेचे भाइयों मनीष औऱ विवेक ने उसके खिलाफ केस दर्ज कराया था और कहा था कि बेबी ने उनकी मां को जला कर मार दिया।

कहा जाता है कि मनीष और विवेक की मां भी ड्रग्स के कारोबार में आ गई थी और वो धीरे-धीरे शशिकला को टक्कर दे रही थीं। बिजनेस में बढ़ती प्रतिद्वंदिता ही उनकी हत्या का कारण बना था। इस घटना के कुछ सालों बाद शशिकला Mephedrone का धंधा करने लगी। कहा जाता है कि यह एक ऐसा ड्रग होता है जो उस समय कोकिन से ज्यादा आसानी से उपलब्ध था।

शशिकला पाटनकर पर पुलिस की नजर तब टेढ़ी हुई जब एक पुलिस कॉन्स्टेबल के घर से 114 किलोग्राम Mephedrone बरामद किया गया था। इस कॉन्स्टेबल ने उस वक्त कहा था कि इस ड्रग्स को शशिकला ने उसे दिया था। कहा जाता है कि इसके बाद शशिकला को पकड़ने के लिए 100 पुलिसवालों की टीम बनाई गई थी।

कहा जाता है कि जब शशिकला पाटनकर को पुलिस ने पकड़ा था तब वो पुलिस के लिए मुखबिरी करने लगी। बेबी के 22 बैंक अकाउंट और 1.45 करोड़ की एफडी होने की बात अधिकृत रूप से सामने आई थी। बताया जाता है कि उसने शराब की कुछ दुकानें और आलीशान गाड़ियां भी खरीदी थीं। बेबी ने मुंबई, पुणे, लोनावाला, कोंकण में कई बंगले बनवाए थे।