Meerut Crime News: उत्तर प्रदेश के मेरठ से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 16 वर्षीय दलित लड़के का कथित तौर पर सात युवकों (सभी नाबालिग) द्वारा यौन उत्पीड़न किया गया, क्योंकि वह एक क्रिकेट मैच के दौरान 50 रुपये की शर्त हार गया था और पैसे नहीं दे पाया था। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार अपराधियों ने घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया और उसे अपने साथियों के बीच शेयर कर दिया।
पीड़ित ने परिवार को अपनी आपबीती सुनाई
रिपोर्ट के मुताबिक साथियों ने क्लिप को सोशल मीडिया पर अपलोड करने की धमकी देकर कई बार उसका यौन उत्पीड़न किया। हालाँकि शुरुआती हमला लगभग एक महीने पहले उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के एक गाँव में हुआ था, लेकिन शिकायत सोमवार को तब दर्ज कराई गई जब सदमे में डूबा लड़का इसे और सहन नहीं कर सका और उसने अपने परिवार को अपनी आपबीती सुनाई।
लड़के के पिता ने कहा कि उनका बेटा इतना सदमे में था कि वह कई दिनों तक घर से बाहर नहीं निकला। सर्किल ऑफिसर वैभव पांडे ने कहा, “लड़के के अश्लील वीडियो के बहाने समूह के सभी नाबालिग सदस्यों ने कई बार उसका यौन उत्पीड़न किया।”
पांडे ने बताया, “शिकायत के बाद, एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(5) और पोक्सो एक्ट की धारा 3ए और 4 के तहत सात युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और उनमें से तीन को हिरासत में लिया गया है। पीड़ित का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और उसके बयान दर्ज किए गए हैं। जाँच जारी है। क्रिकेट मैच पर सट्टे को लेकर हुए विवाद की भी जाँच की जा रही है।”
बीते दिनों ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के इंदौर में सामने आया था। यहां के एक स्कूल परिसर में दो किशोरों ने 13 साल के लड़के के साथ कथित तौर पर कुकर्म किया था। पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने शनिवार को घटना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मामले में कार्रवाई करते हुए कथित आरोपी दो किशोर को हिरासत में लेकर सुधार गृह भेज दिया गया है।
स्कूल कैंपस के खुले मैदान में खेल रहा था बच्चा
रिपोर्ट के अनुसार अन्नपूर्णा थाने के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि 16 और 17 साल की उम्र के आरोपी लड़कों को हिरासत में ले लिया गया है। यह घटना गुरुवार को तब हुई जब पीड़ित स्कूल परिसर के खुले मैदान में खेल रहा था, तभी आरोपियों ने उसके साथ कुकर्म किया। उन्होंने बताया कि आरोपी स्कूल के छात्र नहीं हैं, उनमें से एक मिस्री है और एक आस-पास रहने वाला बच्चा। आस-पास रहने वाले बच्चे अक्सर स्कूल के खुले परिसर में खेलने आते हैं।