मुंबई की एक विशेष मकोका अदालत ने दादर के एक बिल्डर की शिकायत के आधार पर गैंगस्टर गुरु साटम के बेटे और भतीजे को 2014 में दर्ज रंगदारी के मामले में बुधवार को दोषी करार दिया है। इस मामले में साल 2014 में गैंगस्टर गुरु साटम के नाम पर बिल्डर को धमकी देकर फिरौती की मांग की गई थी। अदालत ने इसी रंगदारी के मामले में साटम के बेटे, भतीजे और उसके सहयोगी को दोषी ठहराया है।
विशेष अदालत ने बुधवार को साटम के बेटे भूषण और भतीजे नरहरि उर्फ पंकज को एक संगठित अपराध सिंडिकेट का हिस्सा होने और 2014 में एक बिल्डर से जबरन वसूली की साजिश रचने का दोषी ठहराया। साथ ही गैंगस्टर गुरु साटम के बेटे और भतीजे के सहयोगी पूरणशंकर मिश्रा को भी गिरोह और साजिश का हिस्सा होने के लिए दोषी ठहराया है।
तीनों के दोषी पाए जाने के बाद, साटम के वकील जयेश विटलानी ने अदालत में दया की गुहार लगाई कि भूषण साल 2015 से जेल में थे। साथ ही यह भी तर्क दिया कि उनकी एक बूढ़ी मां है, जिसकी देखभाल करने के लिए कोई न कोई चाहिए। अब इस मामले में अदालत 30 मई को सुनवाई कर सकती है और 31 मई को अपना अंतिम फैसला सुना सकती है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, बिल्डर (शिकायतकर्ता) के एक कर्मचारी को 26 नवंबर, 2014 को एक कॉल आया था। फोन करने वाले ने खुद को गैंगस्टर गुरु साटम का सहयोगी बताकर फिरौती की मांग की थी। अगले दिन, कर्मचारी ने अपने मालिक को फोन कर इस बात की जानकारी दी थी, जिस पर बिल्डर ने कॉल के बारे में जबरन वसूली विरोधी सेल (एईसी) को सूचना दी थी।
शिकायतकर्ता ने दावा किया, 2 दिसंबर 2014 को उसे फिर से साटम गैंग की तरफ से फोन आया था, जिसने उससे 20 लाख रुपये की मांग की थी। इस केस में एक्शन लेते हुए जबरन वसूली विरोधी सेल (एईसी) ने 5 दिसंबर को नरहरि को गिरफ्तार किया था। जबकि पुलिस ने पूरणशंकर मिश्रा को जनवरी 2015 और भूषण को फरवरी 2015 में गिरफ्तार किया गया था।
मुकदमे के दौरान, लोक अभियोजक जय सिंह देसाई ने 23 गवाहों से पूछताछ की और दावा किया कि भूषण उनके पिता द्वारा चलाए जा रहे सिंडिकेट का हिस्सा था। साथ ही उसने जबरन वसूली के माध्यम से रकम भी ऐंठी थी। इसके अलावा, अभियोजन पक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि भूषण, पूरणशंकर मिश्रा के माध्यम से जबरन वसूली कर रहा था। उन्होंने तर्क दिया कि नरहरि के फोन करने के बाद मिश्रा ही वह शख्स था, जो नकली नोटों के रूप में नकदी लेने गया था।