साइबर अपराधियों ने उत्तर प्रदेश पुलिस की नींद हराम कर दी है। झारखंड के जामताड़ा को अब तक उत्तर प्रदेश पुलिस साइबर अपराधियों का गढ़ मान रही थी। लेकिन हाल ही में मेवात क्षेत्र के ठगों ने उत्तर प्रदेश में साइबर अपराध की कई सनसनीखेज वारदात को अंजाम देकर उत्तर प्रदेश पुलिस को नई दिशा में सोचने पर मजबूर कर दिया है। अब प्रदेश में साइबर अपराध का नया ठिकाना मथुरा के मडौरा समेत आधा दर्जन गांव हैं।

साइबर अपराधियों के हौसले किस कदर बुलंद हंै, इसकी एक बानगी मुख्य सचिव राजेन्द्र तिवारी की फर्जी फेसबुक आइडी बना कर ठगी करने के उनसे दुस्साहस से पता चलता है। हालांकि इस मामले में पुलिस ने दो शातिर साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। उनसे हुई पूछताछ में पता चला कि मेवात में साइबर अपराधियों के कई नए गिरोह तैयार हुए हैं। इनमें मथुरा के आधा दर्जन गांव भी शामिल हैं, जहां से ऐसे अपराध संचालित हो रहे है।

उत्तर प्रदेश में तीन साल के साइबर अपराध पर निगाह डालें तो तस्वीर बहुत हद तक साफ हो जाती है। वर्ष 2018 में साइबर अपराध के 5229 मामले दर्ज किए गए। इनमें 1722 मामलों में आरोप पत्र तय हुए, जबकि 3150 मामलों में अंतिम रिपोर्ट लगी। वहीं 2019 में साइबर अपराध के मामले दोगुने बढ़ गए। इस वर्ष 9005 मामले साइबर अपराध से जुड़े उत्तर प्रदेश में सामने आए। जिनमें 2181 में आरोप पत्र जारी हुए और 5079 में अंतिम रिपोर्ट लगी।

वहीं वर्ष 2020 में उत्तर प्रदेश में साइबर अपराध से जुड़े 10620 मामले आए। 2198 में आरोप पत्र निर्धारित हुए और 3673 में अंतिम रिपोर्ट लगी। उत्तर प्रदेश में खुले 18 साइबर थानों के पास इस वक्त साइबर ठगी के मामले बढ़ते ही जा रहे हैंं। इस बाबत प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं, मेवात क्षेत्र में राजस्थान के भरतपुर और हरियाणा के नूह के अलावा मथुरा का कुछ इलाका भी शामिल है जहां साइबर अपराध को अंजाम देने वाले गिरोहों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। यह वह इलाका हैं जहां से कुछ महीनों में कई राज्यों की पुलिस ने साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। साइबर अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए जामताड़ा और मेवात पड़ताल टीम बनाई गई है। दोनों में उत्तर प्रदेश पुलिस भी शामिल है।

प्रदेश के 18 साइबर थानों में 2016 से ले कर अब तक साइबर अपराध से जुड़े 617 मामले दर्ज हुए है। इनमें से 439 साइबर अपराधी पुलिस की गिरफ्त में भी आ चुके है। साइबर ठगी के मामलों में उत्तर प्रदेश से ऐसे अपराधियों ने अब तक 55 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है। ऐसे अपराधियों को गिरफ्ततार कर पुलिस ने दो करोड़ रुपए बरामद भी किए और विभिन्न खतों से पांच करोड़ रुपए फ्रीज भी किए हैं। फिलहाल उत्तर प्रदेश सरीखे बड़ी आबादी वाले राज्य में साइबर अपराध के मामलों में रोज इजाफा हो रहा है। जिसने पुलिस की पेशानी पर बल पैदा कर दिया है। देखना यह होगा कि आखिर प्रदेश की जनता को साइबर ठगी से सुरक्षित रखने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस कोई सटीक रास्ता खोज पाती है, या नहीं।