कर्नाटक में एक रिटायर्ड महिला ने कथित तौर पर सात महीनों में अपनी जीवन भर की बचत 3.9 करोड़ रुपये ठगों के हाथों गंवा दी। पुलिस ने रविवार को इस संबंध में जानकारी दी। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ठगों ने महिला को यह यकीन दिलाया था कि डाक सेवा के जरिए कथित तौर पर ड्रग्स भेजने की वजह से वह ‘डिजिटल अरेस्ट’ में हैं।
विदेश में काम करते थे पति-पत्नी
रिपोर्ट के मुताबिक साइबर, आर्थिक और नारकोटिक्स (सीईएन) पुलिस ने इस संबंध में एक मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि साठ साल की उम्र की यह महिला और उनके पति कुछ साल पहले मंगलुरु लौटने से पहले विदेश में काम करते थे। जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, “उनके पति की पिछले साल मौत हो गई थी, जिसके बाद महिला अकेली रह रही थीं क्योंकि उनकी कोई संतान नहीं थी।”
अधिकारियों के अनुसार, पीड़िता से धोखेबाजों ने पहली बार इस साल 15 जनवरी को कॉन्टैक्ट किया था, जब उन्होंने एक अनजान नंबर से आई मिस्ड कॉल का जवाब दिया था। जनरल पोस्ट ऑफिस (GPO) की कर्मचारी होने का दावा करने वाली एक महिला ने कथित तौर पर रिटायर्ड महिला को बताया कि 150 ग्राम एमडीएमए ड्रग वाला एक पार्सल – जो कथित तौर पर उन्होंने चीन भेजा था – रोक लिया गया है और वापस कर दिया गया है।
पुलिस ने बताया कि कॉल करने वाले ने महिला को वॉर्निंग दी कि इस अपराध के लिए “75 साल या उससे ज्यादा की जेल” की सजा हो सकती है, जिससे महिला पैनिक कर गई। जब पीड़िता ने कोई पार्सल भेजने से इनकार किया, तो धोखेबाज ने दावा किया कि किसी ने उनके आईडी-प्रूफ का इस्तेमाल करके अवैध रूप से पार्सल भेजा है।
किसी से भी बात न करने की चेतावनी दी
अधिकारियों ने बताया कि धोखेबाजों ने ब्रेनवॉश किया और खुद को पीड़िता की मदद करने के लिए तैयार बताया और उनसे लगातार कॉन्टैक्ट बनाए रखा। उन्होंने रिटायर्ड महिला को इस मामले पर किसी से भी बात न करने की चेतावनी दी और उसे यकीन दिलाया कि अपनी पेंशन का 93 प्रतिशत भुगतान करने पर उन्हें “NOC” मिल जाएगा, जिससे उनका नाम साफ हो जाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक 17 जनवरी को, पीड़िता ने धोखेबाज़ों द्वारा बताए गए अलग-अलग बैंक अकाउंट में 55 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। अधिकारियों ने बताया कि यह 4 जुलाई तक चलता रहा और ट्रांसफर की गई राशि 3.9 करोड़ रुपये हो गई। यह धोखाधड़ी तब सामने आई जब धोखेबाजों ने महिला के कॉल का जवाब देना बंद कर दिया। ठगी का एहसास होने पर, पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “पीड़िता ने अपने भाई समेत परिवार के किसी भी सदस्य को इस कॉल के बारे में नहीं बताया था। अगर उसने किसी से बात की होती, तो वह इस ठगी का शिकार नहीं होती।”