यूपी के शाहजहांपुर से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां रोजा इलाके में एक 28 साल के शख्स ने अपने 31 साल के पड़ोसी का प्राइवेट पार्ट काट दिया। दरअसल, दोनों के बीच बकरियों को लेकर बहस हो रही थी। देखते ही देखते यह बहस झगड़े में बदल गई और आरोपी ने गुस्से में आकर पड़ोसी का प्राइवेट पार्ट काट दिया। रिपोर्ट के अनुसार, पड़ोसी की बकरियां आरोपी के खेत में घुस गईं थीं और नुकसान पहुंचाया था। इस बात से आरोपी नाराज था। पीड़ित उन बकरियों का मालिक था। फिलहाल उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसकी हालत स्थिर है।

बहोशी की हालत में पीड़ित को ले जाया गया अस्पताल

रिपोर्ट के अनुसार, जब आरोपी ने पीड़ित का प्राइवेट पार्ट काटा तो वह बेहोश हो गया था। उसे बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया। उसे गहरी चोट लगी थी इस कारण उसे चार टांके लगाने पड़े। इस मामले में दोनों लोगों ने रोजा थाने में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। फिलहाल पीड़ित को शाहजहांपुर शहर के एक मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। जहां उसका इलाज चल रहा है।

जमीन पर धक्का देकर गिराया फिर काटा प्राइवेट पार्ट

इस मामले में पीड़ित (बकरियों के मालिक) ने कहा कि बकरियों को लेकर पड़ोसी गंगाराम सिंह से उसका झगड़ा हो गया था। उसने उसे धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया और उसके प्राइवेट पार्ट को काट लिया। इसके बाद वह बेहोश हो गया। उसने पुलिस से संपर्क किया लेकिन उन्होंने शुरू में एफआईआर दर्ज करने से परहेज कर दिया। पीड़ित ने आगे कहा, “दर्द असहनीय है और मुझे डर है कि यह चोट मेरे सामान्य विवाहित जीवन पर असर डाल सकती है।”

वहीं इस मामले में रोजा पुलिस स्टेशन के SHO अमित पांडे ने कहा कि प्रारंभिक जांच और मेडिकल रिपोर्ट पर विचार करने के बाद गंगाराम के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 504 (जानबूझकर अपमान करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है। अस्पताल में इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर ने पीड़ित का इलाज दिया गया था। डॉक्टर ने कहा कि चोटें बाहरी थीं और किसी भी आंतरिक नसों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। पीड़ित समय के साथ ठीक हो जाएगा। वह सामान्य जीवन जी सकता है। आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट शैलेश शर्मा ने का कहना है कि यह एक मनोरोगी की करतूत है। ऐसी ही एक घटना दो साल पहले बरेली के देवरनिया इलाके में सामने आई थी। ये लोग अपनी हताशा दूर करने के लिए ऐसी हरकतें करते हैं। पुलिस को ऐसे लोगों को उनकी मानसिक फिटनेस की जांच करने के लि सरकारी अस्पताल लाना चाहिए।