Malegaon Blast Case: मालेगांव विस्फोट-2008 मामले में एक आरोपी ने सोमवार को विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाकर महाराष्ट्र आतंकवाद- रोधी दस्ते (Maharashtra ATS) के एक पूर्व अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। आरोपी ने अधिकारी पर सनसनीखेज आरोप लगाया है कि मुकदमे के दौरान रिकॉर्ड में लाए गए सबूतों से पता चलता है कि उन्होंने एक सह आरोपी के घर में सबूत लगाए थे।
मालेगांव ब्लास्ट केस के आरोपी समीर कुलकर्णी ने दायर की याचिका
मालेगांव ब्लास्ट केस 2008 के आरोपी समीर कुलकर्णी द्वारा विशेष अदालत के सामने दायर याचिका में दावा किया गया है कि तीन नवंबर, 2008 को आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी के घर पर अधिकारी को देखने का दावा करने वाले दो गवाहों के बयान से पता चलता है कि पूर्व एटीएस अधिकारी ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और एक गंभीर अपराध किया। याचिका में अधिकारी के खिलाफ कानून के प्रावधानों के अनुसार कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।
पूर्व एटीएस अधिकारी ने बताया बदनाम करने की साजिश
पिछले सप्ताह अपने बयान के दौरान अधिकारी ने चतुर्वेदी के घर पर दो गवाहों द्वारा देखे जाने से इनकार किया। उन्होंने इन आरोपों का भी खंडन किया कि उन्होंने घर में आरडीएक्स (विस्फोटक) लगाया था और बाद में वह एटीएस अधिकारियों की एक टीम के साथ वहां तलाशी के लिए गए, जहां यह दावा किया गया कि एक डेटोनेटर और टाइमर के साथ आरडीएक्स के निशान पाए गए थे। पूर्व एटीएस अधिकारी ने दावा किया कि उन्हें बदनाम करने की साजिश थी और आरोप “बाद में” लगाए गए थे।
अदालत ने कहा- जल्दी नतीजे पर नहीं पहुंचे, मांगा NIA से जवाब
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा 2016 में चार्जशीट में कहा गया था कि पूर्व एटीएस अधिकारी ने आरोपी के घर में सबूत लगाए थे। अदालत के अनुसार, अधिकारी का बयान लिए बिना और उसे कोई अवसर दिए बिना इस स्तर पर कोई विशेष निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है कि आरडीएक्स लगाया गया था या नहीं। विशेष अदालत ने एनआईए को याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
