वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हेमंत नगराले को मुंबई पुलिस का नया आयुक्त बनाया गया है। साल 1987 बैच के इस साहसी आईपीएस अफसर ने अपनी सेवा काल के दौरान कई बड़े-बड़े कारनामे किये हैं। जिनका जिक्र हम इस रिपोर्ट में आगे करेंगे। हेमंत नगरालने ने VNIT नागपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। मास्टर ऑफ फाइनेंस मैनेजमेंट (JBIMS, मुंबई) में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। पुलिस में अपनी सेवा के दौरान उन्हें राष्ट्रपति के पुलिस पदक और विश्व सेवा पद से भी सम्मानित किया जा चुका है। नागराले जूडो में ब्लैक बेल्ट हैं।

हेमंत नगराले को फिटनेस और खेल का शौकीन भी कहा जाता है। सीनियर अधिकारी हेमंत नगराले गोल्फ और टेनिस के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं। हेमंत नगराले ने ऑल इंडिया पुलिस गेम में मेडल भी अपने नाम किया है। आईपीएस बनने के बाद हेमंत नगराले कई बड़ी जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। आईपीएस बनने के बाद उन्हें पहली बड़ी जिम्मेदारी महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित चंद्रपुरा जिले में एएसपी के तौर पर मिली थी। यहां उन्होंने सफलतापूर्वक काम किया। सोलापुर जिले में डीसीपी रहते हुए उन्होंने साल 1992-93 में भड़के दंगों को शांत करने के लिए बेहतरीन काम किया। इसके अलावा 1996 से 1998 में सीआईडी क्राइम के एसपी के तौर पर राज्य भर में फैले एमपीएससी पेपर लीक घोटाले की तह तक जांच कर केस अंजाम तक पहुंचाया।

विस्फोटकों से भरा बैग हाथ में उठा दौड़े

निडर अधिकारियों में हेमंत नगराले की गिनती यूं ही नहीं होती। मुंबई पर 26/11 अटैक के दौरान हेमंत नगराले Maharashtra State Electricity Distribution Company Ltd में Director Of Vigilance के तौर पर तैनात थे। जब आतंकी शहर में मौत बांट रहे थे तब हेमंत नगराले ने खुद ही फैसला किया और ‘दूत’ बनकर सड़कों पर निकल गये। ताज होटल के पास आतंकियों ने हमला किया था। यहां आतंकियों ने एक बैग में RDX रखा था ताकि बड़े पैमाने पर जान-माल को हानि पहुंचाया जा सके। हेमंत नगराले की नजर जैसे ही विस्फोटकों से भरी इस संदिग्ध बैग पर पड़ी वो उसे हाथ में उठा कर दौड़ पड़े। अपनी जान की परवाह किये बिना वो इस बैग को सुरक्षित जगह पर ले गए। इसके बाद इस अधिकारी ने बम निरोधक दस्ते को मौके पर बुलाया और इन विस्फटोकों को फटने से पहले उसे निष्क्रिय कराया। इस तरह उन्होंने एक साथ सैकड़ों जानें बचा लीं।

इतना ही नहीं 4 पुलिसवालों को लेकर हेमंत नगराले आतंकी हमलों के वक्त होटल ताज में घुस गए और अंदर फंसे लोगों को बचाने के काम में जुट गए। उन्होंने कई घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने में भी मदद की।

कई बड़े घोटालों की जांच

हेमंत नगराले साल 1998 से 2002 तक डेपूटेशन पर सीबीआई में रहे। जांच एजेंसी में रहने के दौरान उन्होंने चर्चित केतन पारिख बैंक ऑफ इंडिया घोटाला, हर्षद मेहता घोटाला, माधोपुरा कॉपरेटिव बैंक घोटाला की जांच भी की। इतना ही नहीं अपराध के तह तक जाने वाले इस मशहूर आईपीएस अधिकारी ने तेलगी स्टांप पेपर घोटाले के दौरान बेहतरीन रिसर्च भी किया।

हेमंत नगराले हुए सम्मानित

हेमंत नगराले ने साल 2016 से 2018 तक नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त पद की जिम्मेदारी संभाली। नवी मुम्बई में मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान कानून और व्यवस्था को संभाला। हेमंत नगराले को पुलिस दल में रहते हुए उत्कृष्ठ कार्यों के लिए राष्ट्रपति पुलिस मैडल, विशेष सेवा पदक, आंतरिक सुरक्षा पदक से सम्मानित किया जा चुका है।

साल 2018 में हेमंत नगराले को डीजी रैंक पर प्रोमोशन मिला। उस दौरान उन्हें राज्य के फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्रीज में बड़ी जिम्मेदारी भी मिली थी। हेमंत नगराले ने डीजी मुख्यालय में एडमिन विभाग के विशेष आईजी के तौर पर रहते हुए पुलिसकर्मियों के लिए स्वास्थ्य स्कीम की शुरुआत की थी। इसके अलावा मुम्बई पुलिस के जॉइंट कमिश्नर के तौर पर पुलिस क्वार्टर आवंटन में पारदर्शिता लाने का श्रेय भी इसी काबिल अफसर को जाता है।

बताया जाता है कि नवी मुंबई के पुलिस कमिश्नर रहते हुए साल 2018 में हेमंत नागराले का निलंबन भी किया गया था। दरअसल यह कहा गया था कि विधान परिषद की मंजूरी न लेते हुए उन्होंने शेकाप पार्टी के MLA जयंत पाटिल के खिलाफ केस दर्ज किया था। बता दें कि विधान परिषद के सभापति की मंजूरी लिए बिना किसी भी MLA पर एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है। यह मुद्दा उस वक्त काफी सुर्खियों में रहा था।