Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में जुड़वां भाइयों से जुड़े अपराध का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पूरे मामले ने पुलिस को हैरान कर दिया है। दरअसल, इन जुड़वां भाइयों ने पुलिस को गुमराह करने और डकैती करने के लिए एक शातिर चाल का इस्तेमाल किया, जिसे समझने में पुलिस को समय लग गया।

दोनों भाई पुलिस को ऐसे देते थे चकमा

अधिकारियों के अनुसार, जहां एक भाई अपराध करता था। वहीं दूसरा भाई ये सुनिश्चित करता था कि वो किसी और जगह पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो जाए, जिससे अपराध को झुठलाया जा सके।

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अगर डकैती में शामिल एक भाई पकड़ा जाता, तो वो सीसीटीवी फुटेज को सबूत के तौर पर पेश करके खुद को निर्दोष साबित कर देता कि वो अपराध की जगह पर नहीं था। जुड़वां भाइयों का ये हथकंडा लंबे समय से पुलिस के लिए एक चुनौती बना हुआ था, जब तक कि उन्होंने हाल ही में इस चाल का पर्दाफाश नहीं कर दिया और भाइयों – सौरभ वर्मा और संजीव वर्मा को गिरफ्तार नहीं कर लिया।

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जुड़वां भाइयों ने 23 दिसंबर को मऊगंज शहर में एक खाली घर को निशाना बनाया था। दोनों ने घर में घुसकर अलमारी और बक्से खोले और लाखों रुपये के कीमती सामान चुरा लिए, जिसमें आभूषण और नकदी शामिल हैं।

पुलिस को भ्रम में डालते थे दोनों भाई

इस घटना के बाद बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें सौरभ वर्मा सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, मामले ने उस समय नाटकीय मोड़ ले लिया जब संजीव पुलिस स्टेशन में आया और दावा किया कि वो वही व्यक्ति है जिसे पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने खुलासा किया कि संजीव को देखकर अधिकारियों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई, जिन्होंने शुरू में सोचा कि हिरासत में लिया गया संदिग्ध किसी तरह भाग गया है। गहन पूछताछ के बाद, जुड़वां भाइयों की मास्टर प्लानिंग सामने आई।

भाइयों ने अपने धोखे को बनाए रखने के लिए बहुत कुछ किया, एक जैसे कपड़े पहने और शक पैदा होने से बचने के लिए शायद ही कभी एक साथ रहे। उनकी प्लानिंग इतनी कारगर थी कि केवल मुट्ठी भर ग्रामीणों को ही उनके जुड़वां होने के बारे में पता था। फिलहाल गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपियों से लाखों रुपये के चोरी के गहने बरामद किए हैं।