मध्य प्रदेश में एक दलित आरटीआई कार्यकर्ता की पिटाई करने और उसे जबरन पेशाब पिलाने का मामला सामने आया है। 33 वर्षीय दलित आरटीआई कार्यकर्ता ने ग्राम पंचायत से सूचना के अधिकार (RTI) के तहत कुछ जानकारी मांगी थी, जिस पर दबंग नाराज हो गए। पुलिस ने इसकी जानकारी दी है। यह घटना राज्य के ग्वालियर जिले की है।
एक अधिकारी ने बताया कि स्थानीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर रूप से घायल शशिकांत जाटव को इलाज के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाया गया है। 23 फरवरी को हुई इस घटना के मामले में दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शशिकांत जाटव ने बरही ग्राम पंचायत से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी।
पनिहार पुलिस थाने में उसकी पत्नी रेणु जाटव द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार 23 फरवरी की शाम को पीड़ित 33 वर्षीय शशिकांत जाटव को एक कमरे में बंद कर दिया गया और सात लोगों ने उसकी पिटाई कर दी। पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है कि आरोपियों ने जाटव की पिटाई करने के बाद उसे एक जूते से पेशाब पीने को भी मजबूर किया।
दो आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
रेणु ने अपनी शिकायत में गांव की सरपंच आशा कौरव और संजय कौरव, धामू, भूरा, गौतम, विवेक शर्मा और सरनाम सिंह पर पति के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया है। पनिहार के इंस्पेक्टर प्रवीण शर्मा के मुताबिक, इस मामले में केस दर्ज करने के साथ ही दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
वहीं, केस दर्ज होने के बाद, बसपा के कई कार्यकर्ताओं ने पनिहार थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, उनकी मांग थी कि इस मामले में आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत भी केस दर्ज किया जाए। पुलिस ने कहा कि बाद में उस प्रावधान के तहत भी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।