Allu Arjun News: देशभर के लोग शुक्रवार को उस वक्त शॉक हो गए जब उन्हें ये खबर मिली की साउथ के सुपर स्टार अल्लू अर्जुन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, 4 दिसंबर को हैदराबाद के संध्या थिएटर में पुष्पा 2: द रूल की स्पेशल स्क्रीनिंग में अल्लू अर्जुन की सरप्राइज विजिट से भगदड़ मच गई थी। इस भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई थी। जबकि उसके बेटे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

अल्लू अर्जुन पर इन धाराओं के तहत की कार्रवाई

इस घटना के परिणामस्वरूप, हैदराबाद पुलिस ने शुक्रवार (13 दिसंबर) को अल्लू अर्जुन को गैर इरादतन हत्या और भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस) की धारा 105 और 118 के तहत स्वेच्छा से चोट पहुंचाने या गंभीर चोट पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया।

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इस खबर में हम आपको बताएंगे कि अल्लू अर्जुन के खिलाफ लगाए गई धाराएं क्या संबंधित घटना से मेल खाती हैं। इन धाराओं के तहत क्या कार्रवाई हो सकती है? गौरतलब है कि स्पेशल स्क्रीनिंग के अगले दिन 5 दिसंबर को पुलिस ने अभिनेता अर्जुन, उनकी सिक्योरिटी टीम और संध्या थिएटर के मैनेजमेंट के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

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हैदराबाद पुलिस के सेंट्रल जोन के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) अक्षांश यादव ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मृतक के परिवार के सदस्यों की शिकायत के आधार पर चिक्कड़पल्ली पुलिस स्टेशन में बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) सेक्शन 105 (गैर इरादतन हत्या के लिए सजा) और 118(1) आर/डब्ल्यू 3(5) (स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाना या गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसकी जांच की जा रही है। थिएटर के अंदर अराजक स्थिति के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और अन्य घायल हो गए।”

शुक्रवार को ही अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया गया

भगदड़ मामले में शिकायत दर्ज होने के बाद अर्जुन ने तेलंगाना हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की, जिसमें अनुरोध किया गया कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए और याचिका पर फैसला होने तक सभी पुलिस कार्यवाही रोक दी जाए। अदालत ने मामले की सुनवाई सोमवार को तय की, लेकिन शुक्रवार को ही अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया गया।

क्लपेबल होमिसाइड के अपराध को बीएनएस की धारा 100 के तहत वर्णित किया गया है, जिसमें कहा गया है, “जो कोई भी मृत्यु का कारण बनने के इरादे से या ऐसी शारीरिक चोट पहुंचाने के इरादे से काम करके मृत्यु का कारण बनता है, जिससे मृत्यु होने की संभावना है, या यह जानते हुए कि वह इस तरह के कार्य से मृत्यु का कारण बन सकता है, वो सदोष मानव वध (Culpable Homicide) का अपराध करता है।” इस धारा के तहत आजीवन कारावास या कम से कम पाँच वर्ष और अधिकतम दस वर्ष की अवधि के कारावास के साथ जुर्माना का प्रावधान है।

दो पहलूओं को करना होगा साबित

हालांकि, सदोष मानव वध (Culpable Homicide) को साबित करने के लिए दो महत्वपूर्ण पहलू इस मामले में उभर कर आते हैं। पहला यह है कि आरोपी को अपने कामों से मृत्यु का “कारण” बना। अल्लू अर्जुन के मामले में, सबूतों को ये दिखाना होगा कि उनकी उपस्थिति के कारण भगदड़ मची जिसके परिणामस्वरूप एम रेवती की मृत्यु हुई।

दूसरा पहलू ये है कि आरोपी ने मृत्यु का कारण बनने के “इरादे” या इस “ज्ञान” के साथ वो काम किया जिससे मृत्यु होने की संभावना है। अल्लू अर्जुन के मामले में ये मानदंड और भी अधिक कठिन हो जाता है क्योंकि अभियोजन पक्ष को ये दिखाना होगा कि वो सुरक्षा जोखिमों से अवगत था और पुलिस को उसके आगमन की सूचना नहीं दी गई थी जैसा कि वे दावा करते हैं।

धारा 118 के तहत क्या सजा मिल सकती है?

दूसरा अपराध बीएनएस की धारा 118 के तहत “स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाना या गंभीर चोट पहुंचाना” है। हालांकि यह धारा 117(2) के तहत “स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने” की सज़ा की तुलना में ज़्यादा कठोर सज़ा है, लेकिन यह बहुत ही कम परिस्थितियों में लागू होती है। ये धारा उन सभी लोगों पर लागू होती है जो हथियार, आग, ज़हर, विस्फोटक, जानवर या किसी भी खतरनाक पदार्थ के इस्तेमाल के ज़रिए “स्वेच्छा से चोट पहुंचाते हैं”। इस धारा के तहत तीन साल तक की जेल और 20,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

हालांकि, अल्लू अर्जुन के मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए ये देखना मुश्किल है कि ये प्रावधान उन पर कैसे लागू होगा। ये संभव है कि ये कार्रवाई अर्जुन की सुरक्षा टीम की कार्रवाइयों के लिए निर्देशित हो, जो आरोपों में बीएनएस की धारा 3(5) को शामिल करने की व्याख्या करेगा।

धारा 3(5) क्या अधिकार देती है?

धारा 3(5) किसी विशिष्ट अपराध का उल्लेख नहीं करती है। इसके बजाय ये पुलिस को किसी व्यक्ति पर कई लोगों द्वारा किए गए अपराध का आरोप लगाने की अनुमति देती है, अगर पाया जाता है कि वे “सभी के सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने” के लिए काम कर रहे हैं।

बहरहाल अल्लू अर्जुन जेल से अंतरिम जमानत पर बाहर आ चुके हैं। उन्होंने पूरे मामले की जांच में पुलिस की मदद करने का आश्वासन दिया है। अब देखना है कि मामले आगे क्या कार्रवाई होती है।