NEET Aspirant Suicide: राजस्थान के कोटिंग हब कोटा शहर में प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे एक और स्टूडेंट ने आत्महत्या कर ली। कोटा के ब्लेज हॉस्टल में मंगलवार को एक 16 वर्षीय छात्रा ने खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कोटा शहर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के बीच इस साल अब तक सुसाइड की यह 25वीं घटना है। आत्महत्या करने वाली छात्रा कोटा में रहकर राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) की तैयारी कर रही थी।

झारखंड के रांची की रहने वाली छात्रा इसी साल आई थी कोटा

कोटा पुलिस ने बुधवार को बताया कि झारखंड के रांची की रहने वाली 16 साल की एनईईटी उम्मीदवार ने कोटा के विज्ञान नगर इलाके में अपने हॉस्टल के कमरे में कथित तौर पर फांसी लगा ली। उन्होंने बताया कि एनईईटी की तैयारी कर रही छात्रा मंगलवार देर रात अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी से लटकी हुई पाई गई। पुलिस अधिकारी ने कहा कि झारखंड में 11वीं कक्षा की छात्रा ने कोटा शहर के एक कोचिंग संस्थान में दाखिला लिया था। उन्होंने कहा कि छात्रा इस साल की शुरुआत में ही कोटा आई थी।

आत्महत्या के पीछे के कारण की जांच कर रही पुलिस, नहीं मिला सुसाइड नोट

विज्ञान नगर पुलिस स्टेशन के उप-निरीक्षक के सहायक अमर चंद ने कहा,”पुलिस को मंगलवार रात करीब 10.30 बजे छात्रा की मौत की जानकारी मिली। पुलिस को उस निजी अस्पताल से सूचना मिली, जहां छात्रा को इलाज के लिए ले जाया गया था। चंद ने कहा कि स्टूडेंट के कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। शव को पोस्टमार्टम के लिए एमबीएस अस्पताल भेजा गया है। पुलिस आत्महत्या के पीछे के कारण की जांच कर रही है।

राजस्थान के कोटा में प्रतियोगी छात्रों की अब तक की सबसे ज्यादा आत्महत्या

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल केवल आठ महीने 12 दिनों में राजस्थान के कोचिंग हब कोटा में पच्चीस छात्रों की आत्महत्या से मौत हो गई है। पिछले किसी भी साल में यह सबसे बड़ी संख्या है। पिछले साल कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे पंद्रह छात्रों ने आत्महत्या कर ली। संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) और राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने की उम्मीद में, लगभग दो लाख छात्र हर साल कोटा आते हैं।

कोटा के कोचिंग संस्थानों के स्टूडेंट के सुसाइड का घटता-बढ़ता आंकड़ा

राजस्थान पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, कोटा शहर में स्टूडेंट की आत्महत्या का यह आंकड़ा 2022 में 15, 2019 में 18, 2018 में 20, 2017 में सात, 2016 में 17 और 2015 में 18 था। कोचिंग संस्थानों के लिए कोटा में 2020 और 2021 में किसी भी छात्र की आत्महत्या की सूचना नहीं मिली। क्योंकि इन दो सालों में कोविड-19 महामारी के कारण बंद था।

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कोटा में स्टूडेंट सुसाइड पर लगाम के लिए जिला प्रशासन की कोशिशें नाकाफी

कोटा में आत्महत्याओं की घटनाओं के जवाब में, जिला प्रशासन ने पहले एक आदेश जारी किया था जिसमें सभी छात्रावास के कमरों और पेइंग गेस्ट आवास में स्प्रिंग-लोडेड पंखे लगाने को अनिवार्य किया गया था। कोटा जिला कलेक्टर ओम प्रकाश बुनकर द्वारा जारी आदेश का उद्देश्य “इन आवासों में पढ़ने और रहने वाले छात्रों को मानसिक सहायता और सुरक्षा प्रदान करना और कोचिंग छात्रों की बढ़ती आत्महत्याओं को रोकना है।”

राजस्थान हाई कोर्ट ने छात्रों की आत्महत्या रोकने के लिए मांगी थीं सिफारिशें

इस बीच, राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य के कोचिंग संस्थानों, विशेषकर कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या को रोकने के लिए सिफारिशें मांगी है। अदालत ने बच्चों की मनोवैज्ञानिक परामर्श पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और विशेष रूप से कोचिंग संस्थानों के लिए तैयार राजस्थान कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक 2023 पेश करने पर विचार कर रही है।