महिलाओं को कमजोर समझने वाले लोगों को IPS अर्चना त्यागी की कहानी जाननी चाहिए। महाराष्ट्र की लेडी सिंघम के नाम से मशहूर किस्से आपको महाराष्ट्र के कई हिस्सों में सुनने को मिल जाएंगे। उन्होंने हत्या के कई मामले सुलझाए, हेरोइनों की खेप पकड़ी, बीयर बारों में छापे मारकर लड़कियों को छुड़वाया और अवैध बांग्लादेशियों को निर्वासित करने का काम किया। साल 2019 में रिलीज हुई फिल्म मर्दानी 2 भी अर्चना त्यागी से इंस्पायर्ड है। इसकी जानकारी खुद एक्ट्रेस रानी मुखर्जी ने दी थी। उन्होंने एक अखबार की तरफ से अर्चना त्यागी का इंटरव्यू भी लिया था।
अर्चना त्यागी का जन्म देहरादून के एक टीचर के घर पर हुआ था। मेधावी छात्रा रहीं अर्चना बचपन से ही अपने माता-पिता की तरह एक टीचर ही बनना चाहती थी। उन्होंने इसी तरह की पढ़ाई भी की लेकिन ग्रैजुएशन के बाद वह जेएनयू में एमफिल करने पहुंची। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि जेएनयू में सिविल सेवाओं की परीक्षा पर हो रही चर्चा के दौरान ही वह इसके प्रति आकर्षित हुईं और तैयारी शुरू कर दी। 21 साल की उम्र में वह अपने सपने के अनुसार देहरादून के डीएवी कॉलेज में पढ़ाने में लगीं लेकिन इस दौरान उन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षाओं की तैयारी का सिलसिला जारी रखा और पुलिस सर्विस में पहुंच गईं।
पुलिस सर्विस औऱ घर के संतुलन पर चर्चा करते हुए अर्चना कहती है कि यह करना थोड़ी मुश्किल होता है लेकिन समय के साथ इंसान सीख जाता है, नौकरी के शुरुआती दिनों को याद करते हुए वह बताती हैं कि शुरू में मेरे पास जो शिकायतें आती थीं, वह झकझोर दिया करती थीं। हत्या और बलात्कार के मामले जानने के बाद मैं रोने लगती थी लेकिन समय ने सब सीखा दिया।
This Navratri, good will triumph over evil. Mark the date. #Mardaani2onDecember13 #RaniMukerji #GopiPuthran @yrf pic.twitter.com/IVBXpTH4aA
— Mardaani2 (@Mardaani2) September 30, 2019
बीयर बार में मारा छापा: एक घटना को याद करते हुए त्यागी बताती हैं कि जब ठाणे की डीसीपी थी, तो मैंने अपने करियर का पहला छापा एक बीयर बार पर मारा। वहां जो महिलाएं मिलीं उन्हें हम वर्तक नगर थाने लेकर आए। मैं बिल्कुल यंग थी, महिलाओं की आपबीती मुझे इतना हैरान कर रहीं थी कि मैं रात भर थाने में ही रह गई और अगले दिन जब लड़कियां वहां से कोर्ट गईं तो ही स्टेशन से बाहर निकली।
थप्पड़ ने शांत कर दिया था हंगामा: अर्चना ने जुवेनाइल क्राइम में खासा काम किया है। उनका मानना है कि हम बच्चियों को तो सिखाते हैं कि कैसे जीना है लेकिन लड़कों को सिखाते ही नहीं कि लड़कियों और महिलाओं के मामले में फैसले लेते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए। इसका खामियाजा ही हमें भुगतना पड़ता है। जब हम पारिवारिक स्तर पर बदलाव करने लगेंगे तो बदलाव समाज पर भी दिखाई देने लगेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स में एक और घटना का जिक्र मिलता है, जब अर्चना त्यागी के तेज तर्रार बर्ताव की जानकारी पूरे महाराष्ट्र को पता लग गई थी। अपने करियर के शुरुआती दिनों में वह कराड़ इलाके में बतौर एसएसपी पोस्टेड हुईं, यहां दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी। मामले के निपटारे के लिए वह दोनों समुदाय के लोगों के बीच सुलह कराने पहुंचीं। दोनों पक्षों को अपने पास बुलाया तो बात को समझने के बजाय वो नारेबाजी करने लगे। इतने में नारेबाजी करते शख्स के गाल पर अर्चना त्यागी ने जोरदार चांटा जड़ दिया। फिर क्या था, थप्पड़ की गूंज ऐसी हुई कि सारा मामला ही सुलझ गया। आज भी कराड़ में थप्पड़ मामले की चर्चाएं सुनाई देती हैं।