केरल के वायनाड छात्र सुसाइड मामले में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ.एम आर शशींद्रन को निलंबित कर दिया है। खान ने निलंबन आदेश में कहा कि प्रोफेसर शशींद्रन द्वारा दी गई रिपोर्ट में 20 साल के छात्र सिद्धार्थन की मौत से जुड़े मामले में ‘‘कुलपति की ओर से कर्तव्यों में घोर लापरवाही का प्रमाण’’ है।
राज्यपाल ने आगे कहा, ‘‘इस घटना की पृष्ठभूमि में कुलपति का उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के प्रति उदासीन, लापरवाह और संवेदनहीन रवैया 28 फरवरी की रिपोर्ट से उजागर होता है।’’ इसके साथ ही उन्होंने छात्र की मौत की जांच के भी आदेश दिए।
इतना ही नहीं राज्यपाल ने हाईकोर्ट के किसी मौजूदा या सेवानिवृत्त जज से जांच कराने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, ‘‘केरल हाईकोर्ट के महापंजीयक से उचित अनुरोध किया जाएगा।’’ खान ने निलंबन आदेश में कहा कि जिन घटनाक्रम के तहत छात्र की मौत हुई, उससे पता चलता है कि कुलपति ‘‘वांछित ईमानदारी, गंभीरता और तत्परता’’ और अन्य प्रासंगिक नियमों के अनुसार विश्वविद्यालय के मामलों पर ध्यान नहीं दे रहे थे।
निलंबन का आदेश देते वक्त कहा- निष्पक्ष जांच की जरुरत
उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय में मामलों की मौजूदा स्थिति के कारण केरल पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2010 के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई और विस्तृत जांच की आवश्यकता है। खान ने आगे कहा, ‘‘इस मामले में निष्पक्ष जांच के संबंध में मैं केरल पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का कुलाधिपति होने के नाते प्रोफेसर एम आर शशींद्रन को जांच लंबित रहने तक तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश देता हूं।’’
शशींद्रन को 23 जुलाई 2019 में विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया था। इस बीच राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने दावा किया कि सिद्धार्थन की मौत के बाद एसएफआई उसके बारे में झूठी कहानियां फैला रही है। उसने छात्र के खिलाफ झूठी शिकायत भी दर्ज कराई है। सतीशन ने सत्तारूढ़ माकपा पर मामले में आरोपियों को बचाने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस आज सभी ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शन करेगी। इसके अलावा केरल स्टूडेंट्स यूनियन, युवा कांग्रेस और महिला कांग्रेस अध्यक्ष के तहत तिरुवनंतपुरम में सामवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल भी शुरू होगी।
पशु चिकित्सा विज्ञान व पशुपालन संकाय का स्नातक सेकेंड ईयर का छात्र 18 फरवरी को अपने छात्रावास के टॉयलेट रूम में फंदे से लटका मिला था। उसके माता-पिता ने दावा किया है कि कॉलेज में पढ़ने वाले उसके कुछ अन्य सहपाठियों ने उन्हें बताया है कि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कुछ स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके बेटे की पिटाई की थी।
पिता ने कहा, बेटे को टॉर्चर किया गया
छात्र के पिता ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, उनके बेटे के शरीर पर चोटों के निशान थे और पेट खाली था। जिससे पता चलता है कि उसकी बुरी तरह पिटाई की गई और उसे खाना नहीं खाने दिया गया। पुलिस ने पहले अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया था और बाद में भारतीय दंड संहिता (भादंसं) तथा केरल रैगिंग निषेध अधिनियम के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने और खतरनाक हथियारों या साधनों से जानबूझकर नुकसान पहुंचाने समेत कई अपराधों में 12 छात्रों पर मामला दर्ज किया।
मामले में आरोपियों की संख्या बढ़कर 18 हो गई। अभी तक इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। छात्र के माता-पिता के दावों के बाद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र इकाई एसएफआई पर छात्र की पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया। हालांकि एसएफआई ने इन आरोपों से इनकार किया है। फिलहाल मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।